बिलिंग में गुजरात माडल का अध्ययन करे यूपीसीएल
अपर मुख्य सचिव ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों की ली बैठक, खनन के संबंध में दायर वादों की प्रभावी पैरवी करने के दिए निर्देश

देहरादून: अपर मुख्य सचिव, वित्त आनन्दवर्द्धन की अध्यक्षता में राजस्व प्राप्ति की स्थिति के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में अपर मुख्य सचिव को अधिकारियों ने प्रस्तुतीकरण के माध्मय से खनन, वन, आबकारी, ऊर्जा, परिवहन, वित्त, सिंचाई आदि विभागों के राजस्व की प्राप्ति की स्थिति की विस्तार से जानकारी दी। ऊर्जा निगम को बिलिंग के मामले में लागू गुजरात माडल के अध्ययन के निर्देश दिए।
अपर मुख्य सचिव ने बैठक में खनन के लिये निर्धारित लक्ष्यों की समीक्षा करते हुए वन निगम/कुमाऊं मण्डल विकास निगम, गढ़वाल मण्डल विकास निगम को अपनी कार्य प्रणाली में अपेक्षित सुधार लाने की हिदायत देते हुये निर्देशित किया कि खनन के सम्बन्ध में दायर वादों की प्रभावी पैरवी की जाये,
तथा इस सम्बन्ध में सचिव खनन व प्रमुख सचिव वन की एक संयुक्त बैठक की जाये, जिसमें इस प्रकरण पर गंभीरता से विचार किया जाये। साथ ही खनन हेतु नये लॉट्स चयनित करने की संभावनाओं को चिह्नित किया जाये। उन्होंने खनन विभाग के सभी प्रकरणों को पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश देते हुए कहा कि खनन से सम्बन्धित योजनाओं के क्रियान्वयन में ढिलाई बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।
समीक्षा बैठक में ऊर्जा विभाग के अधिकारियों ने विभाग को दिये गये निर्धारित लक्ष्यों के सापेक्ष प्राप्त लक्ष्यों के सम्बन्ध में अपर मुख्य सचिव को विस्तार से जानकारी दी। अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि यूपीसीएल बिलिंग और कलेक्शन एफिशिएंसी को बढ़ाये तथा इस सम्बन्ध में गुजरात में लागू मॉडल का अध्ययन किया जाए। अपर मुख्य सचिव द्वारा प्री-पेड मीटर के सम्बन्ध में जानकारी करने पर अधिकारियों ने बताया कि दो साल के भीतर पूरे प्रदेश को प्री-पेड मीटर से आच्छादित कर दिया जायेगा तथा वर्तमान में 16 लाख प्री-पेड मीटर लगाने की प्रक्रिया गतिमान है, जिनसे सभी शहर कवर किये जायेंगे इसके लिये गढ़वाल तथा कुमाऊं मण्डल में अलग-अलग टेण्डर आमंत्रित किये गये हैं।
बैठक में अपर मुख्य सचिव ने एसजीएसटी की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि कर अपवंचकों तथा विशेष रूप से बड़े कर अपवंचकों पर अंकुश लगाया जाये तथा विभागीय अभिसूचना तंत्र व ऑडिट विंग को मजबूत करने के साथ ही आर्टिफीसियल एण्टेलीजेंस की भी सहायता ली जाये।
उन्होंने कहा कि कर चोरी रोकने के लिये परिवहन विभाग द्वारा सड़कों में स्थापित किये गये एएनपीआर प्रणाली का भी प्रभावी उपयोग किया जाये व इस हेतु परिवहन विभाग के साथ आवश्यक समन्वय स्थापित किया जाये। उन्होंने आबकारी विभाग की भी समीक्षा की तथा आबकारी से होने वाली राजस्व वसूली में तेजी लाने के निर्देश अधिकारियों को दिये।
इस अवसर पर सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार, वी. षणमुगम, बजट अधिकारी मन मोहन मैनाली सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।