उत्तराखंडपर्सनालिटीशोक/श्रद्धांजलिसाहित्य

उत्तराखंडी रत्न प्रतिबिंब बड़थ्वाल नहीं रहे

देहरादून: सुप्रसिद्ध साहित्यकार बड़थ्वाल कुटुंब के संस्थापक, सामाजिक कार्यकर्ता, उत्तराखंड के रत्न प्रतिबिंब बड़थ्वाल का 15 अगस्त दोपहर को अपने दिल्ली निवास में हृदय गति रुकने से निधन हो गया। शुक्रवार को निगम बोध घाट दिल्ली में उनकी अंत्येष्टि उनके पुत्र कुणार्क, भाई प्रियबिंब, परिजनों और बड़थ्वाल कुटुंब के अध्यक्ष राजकुमार बड़थ्वाल, हर्षवर्धन बड़थ्वाल तथा अन्य सदस्यों की उपस्थिति में संपन्न हो गई।

मिलनसार, प्रेमी और जुझारू स्वभाव के प्रतिबिंब ने अथाह निष्ठा, लगन और श्रम से देश-विदेश के अधिकांश बड़थ्वालों को ‘बड़थ्वाल कुटुंब’ में पिरोने का महान कार्य किया। दीर्घावधि तक दुबई प्रवास के दौरान उन्होंने हिंदी साहित्य भारती और भारती संवर्धन संस्थान के विदेशी मामलों के सचिव का दायित्व निभाया।
उच्च कोटि की सृजनात्मक वृत्ति के प्रतिबिंब ने हिंदी और गढ़वाली साहित्य को अपनी सशक्त लेखनी से समृद्ध किया। घुघूती, रंत रैबार आदि पत्रिकाओं में उनकी रचनाओं को प्रमुखता से प्रकाशित किया जाता रहा है। पौड़ी जनपद के सिराई गांव में जन्मे प्रतिबिंब का वहां की भूमि और संस्कृति से अथाह लगाव रहा। मात्र 59 वर्ष की आयु में ही उनके ठोस योगदान को समाज याद रखेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button