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आयोग और भाजपा की मिलीभगत से देश में हो रही वोट चोरी: सप्पल

- ‘मेरा वोट – मेरा अधिकार’ : कांग्रेस का व्यापक जनसंपर्क अभियान, उत्तराखंड में अब नहीं होने देंगे वोट चोरी: माहरा 

देहरादून: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को देशभर से लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि बड़े पैमाने पर पात्र नागरिकों के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं और अपात्र लोगों के नाम जोड़कर सुनियोजित तरीके से वोट चोरी की जा रही है। कांग्रेस की जाँच में यह स्पष्ट हो गया कि यह कोई तकनीकी भूल नहीं, बल्कि लोकतंत्र को बंधक बनाने की संस्थागत साज़िश है। लोकतंत्र की सीधी हत्या है।

यह बात गुरुवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सीडब्लूसी सदस्य गुरदीप सप्पल ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जब इस गंभीर घोटाले की शिकायत चुनाव आयोग से की, तो आयोग ने जाँच के बजाय शिकायतकर्ताओं पर सवाल उठाने शुरू कर दिए। संविधान ने चुनाव आयोग को जनता के अधिकारों की रक्षा और निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी दी है। लेकिन आज आयोग का रवैया लोकतंत्र की रक्षा करने वाले संवैधानिक निकाय का नहीं, बल्कि सत्ता की कठपुतली जैसा है। सप्पल ने कहा कि वोट चोरी को “नियमित प्रक्रिया” बताना न केवल बेशर्मी है, बल्कि जनता के अधिकारों पर सीधा डाका है।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी स्पष्ट करना चाहती है कि यह अभियान केवल प्रदेश तक सीमित नहीं है, बल्कि लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गाँधी के नेतृत्व में चल रहे राष्ट्रीय आंदोलन का हिस्सा है। बिहार से लेकर उत्तराखंड और देश के हर कोने में कांग्रेस कार्यकर्ता जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। लोकतंत्र की हत्या करने वाली ताकतों के खिलाफ यह हमारी साझा लड़ाई है और हम इसे किसी भी कीमत पर वोट चोरी को सफल नहीं होने देंगे। सप्पल ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गाँधी के द्वारा वोट चोरी के खिलाफ चलाये जा रहे अभियान के तहत, उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने “मेरा वोट – मेरा अधिकार” अभियान चलाया और राज्य के सभी 99 नगर निकायों में व्यापक जनसंपर्क और जनजागरण किया। लक्ष्य था कम से कम 2000 आरटीआई डालना, लेकिन जनता के अपार समर्थन से 2500 से अधिक आरटीआई कांग्रेस के पास उपलब्ध हैं। हजारों नागरिकों ने स्वतंत्र रूप से भी आरटीआई दायर की हैं। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद आयोग की तरफ से अब तक सिर्फ 136 जवाब आए हैं—वे भी टालमटोल और अस्पष्टता से भरे हुए। यह जनता को गुमराह करना और सूचना के अधिकार कानून का खुला उल्लंघन है। कांग्रेस इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगी और कानूनी लड़ाई लड़ेगी।

इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करण माहरा ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर मतदाता सूची का सत्यापन किया और जिनके नाम गायब पाए गए, उन्हें अपने अधिकारों की रक्षा के लिए प्रेरित किया। दो महीने चले इस अभियान में लाखों मतदाताओं से प्रत्यक्ष संवाद हुआ और सैकड़ों बैठकों व प्रेस वार्ताओं से व्यापक जनभागीदारी सुनिश्चित हुई।

इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि कांग्रेस पार्टी लोकतंत्र में विश्वास रखने वाले सभी नागरिकों से अपील करती है कि यदि पंचायत चुनाव की मतदाता सूची में किसी भी प्रकार की अनियमितता दिखाई दे, तो कांग्रेस से संपर्क करें और इस संघर्ष का हिस्सा बनें।

इस अवसर पर प्रदेश में मेरा वोट मेरा अधिकार अभियान समिति के सदस्य प्रेम बहुखंडी, पंकज क्षेत्री एडवोकेट, अभिनव थापर, प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा के मीडिया सलाहकार सरदार अमरजीत सिंह, प्रदेश प्रवक्ता सुजाता पॉल, प्रदेश प्रवक्ता डॉक्टर प्रतिमा सिंह भी उपस्थित रहीं।

 

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संघर्ष के बाद मिला मताधिकार

• ब्रिटेन: महिलाओं को मतदान का अधिकार 1928 में मिला।

• अमेरिका: अफ्रीकी-अमेरिकी नागरिकों को 1965 में भेदभाव रहित मताधिकार मिला।

• फ्रांस: महिलाओं को 1944 में अधिकार मिला।

• स्विट्ज़रलैंड: महिलाओं को 1971 में अधिकार मिला।

• भारत: 1950 में ही सभी नागरिकों को अधिकार मिल गया।

 

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मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने की यह है प्रक्रिया

• फॉर्म 6: नया नाम जोड़ने/स्थान परिवर्तन हेतु।

• फॉर्म 7: नाम हटाने हेतु, प्रमाण और बीएलओ जांच के बाद।

• फॉर्म 8: जानकारी सुधारने या मतदान केंद्र परिवर्तन हेतु।

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