उत्तराखंडमुशायरा/कवि सम्मेलन

‘देश की माटी लहू से सींचते आए हैं हम’

हिंदी पत्रकारिता दिवस पर गौरवांजली ट्रस्ट ने किया पत्रकारों का सम्मान, कवियों ने बांधा समां

देहरादून: ‘भले ही दीप से पूजा तू आठों याम मत करना, मिले कोई मोहल्ले में तो राधेश्याम मत करना।नमन करना या मत करना कोई कुछ ना कहेगा पर, शहीदों की शहादत को कभी बदनाम मत करना।’ श्रीकांत श्री ने जब यह कविता पढ़ी तो समूचा सभागार तालियों से गूंज उठा। मौका था हिंदी पत्रकारिता दिवस पर आयोजित पत्रकारों के सम्मान और कवि सम्मेलन का।

गौरवांजली ट्रस्ट की ओर से राजपुर रोड स्थित दून विहार में अस्थिरोग विशेषज्ञ पदमश्री डॉ. बीकेएस संजय के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में जहां 13 पत्रकारों का सम्मान किया गया, वहीं कवियों ने अपनी रचनाओं से देशभक्ति और मुहब्बत की सीख दी। कवि सम्मेलन की शुरुआत दून की कवयित्री महिमा श्री ने सरस्वती वंदना से की। इसके बाद दून की ही कवयित्री कविता बिष्ट नेह ने ‘ बहारों की तरह सजती उपहार है कविता, हवा के संग बहती नदी की धार है कविता, खिली हों बालियां मधुमास बन आती कविता, गुलाबों की तरह महके गले का हार है कविता’ सुनाकर तालियां बटोरी। वीर रस के सशक्त हस्ताक्षर जसवीर सिंह हलधर ने जब ‘पर्वतों को मुट्ठियों में भींचते आए हैं हम, मौत के माथे लकीरें खींचते आए हैं हम, हम नहीं कायर हमारे खून में है सहिष्णुता, देश की माटी लहू से सींचते आए हैं हम’ रचना सुनाई तो श्रोता वाह-वाह कर उठे।

लखनऊ से आई वंदना विशेष ने ‘जब से देखा तब से अच्छा लगता है, कैसे कह दूं रब से अच्छा लगता है, इस दुनिया में तुमसे अच्छा कोई नहीं, साथ तुम्हारा सबसे अच्छा लगता है’ सुनाकर दाद बटोरी। दिल्ली से आई प्रीति त्रिपाठी ने ‘जरा सा मुस्कुरा दो तुम तो मेरी शाम बन जाए, कदम रख दो मेरा आशियां भी धाम बन जाए, सिया के राम, मोहन राधिका जैसा परम पावन, तुम्हारे नाम से जुड़ कर मेरा नाम हो जाए।’ सुनाकर तालियां बटोरी। इसके अलावा, महिमा श्री ने

‘तेरे क़दमों में जन्नत है, तू फूलों से भी प्यारी है, जहाँ की सारी दौलत पर तेरी ममता माँ भारी है’ सुनाकर मां की महानता का बखान किया।

इसके अलावा, पंचकुला के राजवीर सिंह राज, योगेश अग्रवाल, केडी शर्मा, रोशनलाल अग्रवाल, अपरिचित अक्स, अवनीश मलासी, शंकर सिंह कुशवाहा, दर्द गढ़वाली की रचनाएं भी पसंद की गई। कवि सम्मेलन का रोचक संचालन करते हुए डॉ. सौरभ कांत शर्मा ने अपनी क्षणिकाओं से समां बांध दिया। इससे पहले समारोह के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. बीकेएस संजय, विशिष्ट अतिथि यशवीर आर्य, डा. एस के खन्ना ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। डा. संजय ने अपनी कविता सुनाते हुए पत्रकारिता पर सारगर्भित वक्तव्य भी दिया।                                                                                 इस मौके पर गौरवांजली ट्रस्ट की अध्यक्ष डॉ अंजना कुमार तथा महामंत्री गौरव विवेक ने बताया कि हमारी साहित्यिक संस्था गौरवांजली प्रत्येक वर्ष पत्रकार का सम्मान करने के साथ साथ राष्ट्रीय कवियों के माध्यम से विभिन्न अवसरों पर विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाता है।                                                                                                                             कार्यक्रम में भारतीय विकास परिषद गंगोत्री शाखा के अध्यक्ष दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. सुनील अग्रवाल, संरक्षक रोशन लाल अग्रवाल,इं के डी शर्मा, सोनिया रावत, आदि अनेक महानुभावों उपस्थित रहे।

 

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इन पत्रकारों का हुआ सम्मान

 

समारोह में पत्रकार धीरेन्द्र प्रताप सिंह, संजय श्रीवास्तव, शिवशंकर कुशवाहा, अश्वनी त्रिपाठी, लक्ष्मी प्रसाद बडोनी, संजय चौहान, धनराज गर्ग, संचित शर्मा, राजेश बड़थ्वाल, धर्मेन्द्र भट्ट सहित 13 पत्रकारों को सम्मानित किया गया।

 

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