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केरल में तबाही, 93 की मौत

-वायनाड में भीषण त्रासदी पर प्रधानमंत्री ने जताया दुख, मृतकों के परिजनों को मिलेगा दो लाख मुआवजा

नई दिल्ली: केरल के वायनाड में मेप्पाडी के पास मंगलवार तड़के भारी बारिश के बाद भूस्खलन के कारण 93 लोग मारे गए हैं। इसके अलावा 100 से अधिक घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। अधिकारियों के मुताबिक, भूस्खलन से मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांव प्रभावित हुए हैं। प्रधानमंत्री ने हादसे को लेकर दुख जताते हुए अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। मृतक के निकटतम परिजन के लिए पीएमएनआरएफ से 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 मुआवजा देना का ऐलान किया है।
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बताया कि हादसे में लापता लोगों की संख्या भी 98 पहुंच गई है।
इससे पहले केरल के मुख्य सचिव डॉ. वी वेणु ने कहा था, “स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई है। अस्पतालों में 70 से अधिक शव पहुंचाए गए हैं। पोस्टमार्टम और जांच के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.”
केरल सरकार में वन मंत्री एके शशीधरण ने बताया कि एनडीआरएफ़ की टीमें रस्सियों के बचाव कार्य में लगी हुई है, इसलिए थोड़ा अधिक समय लग रहा है। वहीं सेना की टीम ने काम करना शुरू कर दिया है।
वायनाड की जिलाधिकारी मेघाश्री डी आर ने बताया कि प्रभावित इलाकों में आपदा राहत कार्य चल रहा है और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, पुलिस तथा वन, दमकल विभाग, राजस्व एवं स्थानीय स्वशासित विभाग बचाव अभियान संचालित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारी बारिश की वजह से रात में करीब एक बजे मुंडक्कई टाउन में पहला भूस्खलन हुआ। मुंडक्कई में बचाव अभियान चल ही रहा था, तभी सुबह 4 बजे के आसपास चूरल माला में एक स्कूल के पास दूसरा भूस्खलन हो गया। स्कूल और आस-पास के घरों और दुकानों में भूस्खलन का शिकार हो गए।

दो दिन का राजकीय शोक घोषित
तिरुवनंतपुरम: केरल सरकार ने राज्य में विनाशकारी भूस्खलन को देखते हुए दो दिन का शोक घोषित किया है। मुख्य सचिव डॉ. वेणु वी ने एक वक्तव्य में कहा कि वायनाड जिले के चूरलमाला में प्राकृतिक आपदा के मद्देनजर राज्य सरकार ने 30 और 31 जुलाई को शोक की घोषणा की है। शोक की अवधि के दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और सरकार की ओर से पूर्व निर्धारित सार्वजनिक समारोह स्थगित कर दिये जायेंगे।

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