उत्तराखंडसाहित्य

करुणा की कविताओं में है नदी सा प्रवाह

कवयित्री करुणा अथैया 'किरण' के काव्य संग्रह 'कल्लोलिनी' का विमोचन

देहरादूनः कई काव्य मंचों से जुड़ी नवोदित कवयित्री करुणा अथैया ‘किरण’ के काव्य संग्रह ‘कल्लोलिनी’ का रविवार को राजपुर रोड स्थित एक होटल में विमोचन किया गया।

इस मौके पर मुख्य अतिथि पूर्व पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी ने कहा कि छंदबद्ध कविताएं लिखना किसी चुनौती से कम नहीं है, जिस पर करुणा खरी उतरी हैं। डीएवी कालेज में संस्कृत विभाग के अध्यक्ष प्रो. रामविनय सिंह ने कहा कि करुणा का यह पहला काव्य संग्रह है, कुछ कमियां होने के बावजूद इसमें लयात्मकता है। उन्होंने पुस्तक की दो कविताएं गाकर भी सुनाई।

वरिष्ठ साहित्यकार डा. विद्या सिंह ने कहा कि करुणा ने छंदबद्ध कविताओं से साबित कर दिया है कि उनमें कविता पहले से ही थी, जिसे अभिव्यक्ति अब मिली है। इससे पहले शिवमोहन सिंह ने कहा कि करुणा जी की कविताएं छंदबद्ध हैं और इन्हें आसानी से गाया जा सकता है।


कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए लखनऊ से आए वरिष्ठ साहित्यकार अमरनाथ अग्रवाल ने करुणा की कविताओं को संगीतमय बताते हुए कहा कि इसमें नदी की तरह बहाव है। उन्होंने कवियों में भेदभाव न करते हुए युवा कवियों को आगे बढ़ाने की बात कही। उन्होंने देहरादून के कवियों की पुस्तक प्रदर्शनी लगाने का भी आह्वान किया, ताकि अन्य कवियों को भी इससे प्रेरणा मिले।

आइआइपी के हिंदी अधिकारी सोमेश्वर पांडेय ने किरण की कविताओं का जिक्र करते हुए उनकी रचनाओं को कालजयी बताया।इससे पहले काव्य संग्रह की रचयिता अरूणा अथैया किरण ने कहा कि घरेलू जिम्मेदारियों से निपटने के बाद उन्होंने साहित्य के क्षेत्र में कदम रखा है। उन्होंने अपनी एक कविता का पाठ भी किया।

इस मौके पर वरिष्ठ साहित्यकार अंबर खरबंदा, राकेश जैन, डा. राकेश बलूनी, दर्द गढ़वाली, शांतिप्रकाश जिज्ञासु, सत्यप्रकाश शर्मा, शिवचरण शर्मा मुज्तर, नीरू गुप्ता, प्रो. उषा झा, डा. एसके झा आदि मौजूद थे। संचालन मणि अग्रवाल मणिका ने किया। डा. नीरज अथैया ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

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