राज्यपाल की महत्वाकांक्षी योजना ‘उत्तराखंड सेल’ से होगा राज्य का समग्र विकास

देहरादून/काशीपुर : राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल(रिटायर्ड) गुरमीत सिंह ने आईआई शएम काशीपुर के परिसर में ‘उत्तराखंड सेल’ का उदघाटन किया। इसकी परियोजनाओं में तीन क्षेत्रों में विकास के कामों को लेकर राज्य के तीन प्रमुख विश्व विद्यालयों को आईआईएम काशीपुर के साथ काम करने के लिए एमओयू किया गया। ये तीन क्षेत्र हैं टूरिज्म (पर्यटन), कृषि विशेषकर उद्यान एवं तकनीक। आध्यात्मिक पर्यटन के लिए कुमाऊँ यूनिवर्सिटी, उद्यान के लिए जी बी पंत यूनिवर्सिटी ऑफ़ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी तथा तकनिकी के लिए उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी के साथ आई आई एम काशीपुर काम करेगा। इन तीन क्षेत्रों में राज्य के समग्र विकास के लिए योजनाए तैयार किये जायेंगे एवं क्रियान्वयन के लिए उत्तराखंड सरकार के अधिकृत विभाग, संस्था एवं मंत्रालय को उत्तराखंड प्रशाशन के नियमो के अनुसार सम्मिलित किया जायेगा। इस महत्वकांक्षी योजना के तहत महामहिम राज्यपाल उत्तराखंड के लोगों की सोच बदलना चाहते है जिससे के इस राज्य के हर एक नागरिक के मन में कुछ कर दिखाने की चाहत को बल मिले। इस तरह की सोच लाने के लिए भारतीय प्रबंध संसथान काशीपुर का अहम् योगदान महत्वपूर्ण होगा। उत्तराखंड का आर्थिक विकास तीन आध्यात्मिक तीर्थ, उद्यान एवं वेलनेस सेक्टर पर निर्भर है। ये तीन क्षेत्र भगवान महादेव के त्रिशूल से तीन आयामों की तरह है।
उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी देहरादून के कुलपति ओंकार सिंह ने आईआईएम को देहरादून में अपनी गतिविधियों को संचालित करने के लिए अपने परिसर का उपयोग करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा की जब तक आईआई शएम का देहरादून में अपना कैंपस नहीं बनता है, तब तक टेक्निकल यूनिवर्सिटी के कैंपस का उपयोग आई आई एम कर सकता है। टेक्निकल यूनिवर्सिटी से सम्बंधित छात्र एवं शिक्षक गण , आई आई एम से लाभान्वित होंगे। टेक्निकल यूनिवर्सिटी के १९ बर्षों के कार्यकाल में अभी 2000 से ज्यादा विद्यार्थी और 500 से ज्यादा शिक्षक पठन-पाठन के कार्य में तल्लीन है। आई आई एम के सहयोग से व्यक्तिगत एवं सभयता के विकास को बल मिलेगा।
कुमाऊँ यूनिवर्सिटी के कुलपति देवांग सिंह रावत ने कहा कि हमारी यूनिवर्सिटी के छात्र एवं शिक्षक आईआईएम के सहयोग से प्रेरणा लेंगे एवं अपने क्षेत्रों में प्रसिद्धि पाएंगे। आज के दिन में भारत देश की विश्व में स्थिति को बताते हुए उन्होंने कहा कि 17 वीं शताब्दी में भारत का सकल उत्पाद पूरे विश्व का 25 प्रतिशत के आसपास हुआ करता था। आज भी 8 प्रतिशत से ज्यादा है। उम्मीद है कि फिर भारत की भागीदारी बढ़ेगी एवं पूरे विश्व में फिर स्थान बनाएंगे।
जीबी पंत यूनिवर्सिटी, पंतनगर के कुलपति मनमोहन चौहान ने राज्यपाल के दो निश्चय के बारे में बताया। ये दो निश्चय है। किसानों का कल्याण एवं महिला सशक्तिकरण। हनी प्रोडक्शन में भारत को विश्व में उत्तम स्थान बना है। अभी इसका उत्पादन तीन हज़ार टन से बढ़कर तेरह हज़ार टन हो गया। इसे जल्द ही चालीस हज़ार टन के लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे। आई आई एम के साथ हुए करार सहयोगी बनेगा , उत्तराखंड एवं हमारे देश के समाज एवं समुदायों के विकास में।
आईआईएम काशीपुर के बीओजी के अध्यक्ष संदीप सिंह ने संस्थान के मत्वपूर्ण कार्यों को दर्शाया एवं आगे के कार्यों के बारे में जानकारी दी। ‘उत्तराखंड सेल’ के द्वारा राज्य एवं देश के विकास में जरुरी कदम उठाये जायेंगे एवं इसके लिए यह संस्थान हमेशा तत्पर रहेगा।
संसथान के निदेशक प्रोफेसर सोमनाथ चक्रबर्ती, ने क्षेत्रीय विकास, मानव-कल्याण, आयुर्वेद, उद्यानिकी एवं रोजगार बढ़ाने के मामले में उपयुक्त प्रबंधकीय दक्षता को राज्य एवं देश के उपयोग में लाने के लिए कटिबद्धता व्यक्त किया। राज्य के प्रमुख उद्यमों को प्रोत्साहित करने के लिए मार्केटिंग, ब्रांडिंग एवं लोगिस्टिक के नए तरीकों को उपयोग में लाया जायेगा। राजयपाल ने प्रोफेसर सोमनाथ चक्रबर्ती, प्रोफेसर अभ्रदीप मैती एवं प्रोफेसर कुणाल द्वारा किये गए कार्यों के चलते ‘उत्तराखंड सेल’ के अस्तित्व में आने की महत्ता को बताया।