यमुनोत्री धाम के कपाट भी विधि-विधान से हुए बंद
गंगोत्री और यमुनोत्री यात्रा में इस बार 53 श्रद्धालुओं ने गंवाई जान

देहरादून: चारधाम यात्रा अब अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुकी है। दो नवंबर को गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद 3 नवंबर को केदारनाथ धाम के कपाट बंद हो गए हैं, वहीं रविवार दोपहर 12 बजकर 5 मिनट पर यमुनोत्री धाम के कपाट भी विधि विधान से बंद कर दिए गए। बीती 10 मई को शुरू हुई चारधाम यात्रा में इस वर्ष गंगोत्री और यमुनोत्री धाम आने वाले श्रद्धालुओं में 53 की मौत अब तक हुई है। जिनमें यमुनोत्री धाम में 40 और गंगोत्री धाम में 13 तीर्थयात्री शामिल हैं। आगामी 17 नवंबर को भगवान बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद कर दिए जाएंगे, जिसके साथ ही चारधाम यात्रा संपन्न हो जाएगी। हालांकि, श्रद्धालु अलग-अलग स्थानों पर भगवान के दर्शन कर सकेंगे।
बताया गया है कि कठिन चढ़ाई के साथ ही मौसम में बदलाव भक्तों की मौत का मुख्य वजह बन रहा है। इसके अलावा, डॉक्टरों का कहना है कि बीमार और बुजुर्ग भक्तों को अपना पूरा स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ही चारधाम यात्रा पर जाना चाहिए।
चारधाम यात्रा रूट पर 3 कांवड़िए लापता है, जिनका अभी अभी तक पता नहीं चल पाया है। गत वर्ष की बात करें तो वर्ष 2023 में यमुनोत्री धाम में 62 लोगों की मौत हुई थी। जिनमें यमुनोत्री में 41 और गंगोत्री में 21 तीर्थयात्री यात्रा के दौरान अपनी जान गंवाए थे।
गंगोत्री धाम के कपाट शनिवार को विधिवत पूजा अर्चना के बाद बंद कर दिए गए हैं। वहीं यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। लेकिन छह माह के इस यात्राकाल में इस वर्ष रिकार्ड संख्या में तीर्थ यात्री इन दोनों धामों के धामों के दर्शन को पहुंचे हैं।
दोनों धामों में अब तक 15,21,752 तीर्थयात्रियों दर्शन कर चुके हैं। जिनमे से यमुनोत्री धाम में 7,10,210 और गंगोत्री धाम में 8,11,542 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं। अक्षय तृतीय के पर्व पर गत 10 मई को गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाटोद्घाटन के साथ प्ररांभ हुई चारधाम यात्रा का वर्तमान सत्र अब समाप्त होने जा रहा है।