उत्तराखंडचारधाम यात्रा

तुंगनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद 

रुद्रप्रयाग: पंचकेदारों में प्रतिष्ठित तृतीय केदार श्री तुंगनाथ मंदिर के कपाट सोमवार पूर्वाह्न 11 बजे शुभ मुहूर्त पर विधि-विधान से शीतकाल के लिए बंद हो गए। कपाट बंद होने के बाद भगवान तुंगनाथ की उत्सव डोली ने स्थानीय वाद्य यंत्रों ढोल- दमाऊं सहित बाबा तुंगनाथ के जय उदघोष के साथ प्रथम पड़ाव चोपता को प्रस्थान किया। इस अवसर पर पांच सौ से अधिक श्रद्धालु मौजूद रहे।

तुंगनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के अवसर पर अपने संदेश में श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी। उन्होंने बताया कि इस यात्रा वर्ष एक लाख सत्तर हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने भगवान तुंगनाथ जी के दर्शन किए।

बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल ने भी कपाट बंद होने अवसर पर श्रद्धालुओं को अपनी शुभकामनायें प्रेषित की हैं. कपाट बंद होने के एक दिन पहले तीन नवंबर को श्री तुंगनाथ मंदिर में यज्ञ-हवन किया गया था। आज 4 नवंबर प्रात: साढ़े चार बजे मंदिर खुल गया था। प्रात:कालीन पूजा के पश्चात श्रद्धालुओं ने भगवान तुंगनाथ जी के दर्शन किए। ठीक दस बजे से मंदिर गर्भगृह में कपाट बंद की प्रक्रिया शुरू हुई।

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