हलधर के महाकाव्य राम कथानक का हुआ लोकार्पण
-भारत विकास परिषद के बैनर तले भंडारी बाग के एक होटल में हुआ कार्यक्रम, दो सत्रों में हुए इस कार्यक्रम में कवि सम्मेलन का भी हुआ आयोजन

देहरादून: देश के सुप्रसिद्ध कवि जसवीर सिंह हलधर की पुस्तक राम कथानक का रविवार को यहां भंडारी बाग स्थित एक होटल में लोकार्पण किया गया। भारत विकास परिषद के बैनर तले विजय दिवस की पूर्व संध्या पर सुप्रसिद्ध साहित्यकार डा. सुधा रानी पांडे की अध्यक्षता में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन श्रीकांत श्री ने किया।
कार्यक्रम की शुरुआत कवयित्री कविता बिष्ट की ओर से प्रस्तुत सरस्वती वंदना से की। इसके बाद डा. सुधा रानी पांडे, बुद्धिनाथ मिश्र, असीम शुक्ल, शशिकांत दुबे और श्रीकांत श्री ने राम कथानक का लोकार्पण किया। लोकार्पण समारोह महाकाव्य के रचयिता जसवीर सिंह हलधर ने राम कथानक पर विस्तार से चर्चा करते हुए इसकी रचना प्रक्रिया पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इसमें वह राम हैं, जो मेरी समझ में आए। विशिष्ठ अतिथि असीम शुक्ल ने कहा कि तुलसी की अवधी अवध तक ही सीमित न रहे, इसीलिए हलधर ने पूरी दुनिया में भगवान राम को पहुंचाने के लिए राम कथानक की रचना की है।
विशिष्ठ अतिथि बुद्धिनाथ मिश्र ने कहा कि वह हलधर के राम कथानक को पढ़कर विस्मित हैं। उन्होंने महर्षि वाल्मीकि के रामायण की चर्चा करते हुए कहा कि इसका अर्थ राम का अयन अथवा राम का मार्ग है। वाल्मीकि ने भगवान राम को लेकर जो आदर्श स्थापित किया, वही आज तक चला आ रहा है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. सुधा रानी पांडे ने चौपाई शैली में राम कथानक की रचना के लिए हलधर को बधाई दी। कहा कि राम और कृष्ण पर हर युग में लिखा गया है और हलधर ने भी उसी परंपरा का निर्वाह कर राम कथानक को युवा पीढ़ी तक पहुंचाने का महति कार्य किया है, जो मौजूदा समय की जरूरत है। इससे पहले शशिकांत दुबे ने भी विचार व्यक्त किए।
इस मौके पर बुद्धिनाथ मिश्र की अध्यक्षता में आयोजित कवि सम्मेलन में राहुल शर्मा, डॉ. सौरभ कांत शर्मा, अभय निर्भीक, कुशल कौशलेंद्र, जसवीर सिंह हलधर आदि ने काव्य पाठ से श्रोताओं को आनंदित किया।