उत्तराखंड में दलबदल मामले पर सीबीआई एक्शन मोड में, पूछताछ
- साल 2016 में सामने आया था हरीश रावत का स्टिंग ऑपरेशन, हरक सिंह रावत ने लगाया था खरीद फरोख्त का आरोप

देहरादून: उत्तराखंड में साल 2016 के दौरान हुए दलबदल मामले में जांच में अचानक तेजी आ गई है। सीबीआई ने दलबदल करने वाले विधायकों और प्रकरण से जुड़े नेताओं को समन भेजा है, जिससे उनकी नींद उड़ी हुई है।
उत्तराखंड में साल 2016 के दौरान हुए बड़े दलबदल पर सीबीआई एक्शन मोड में दिखने लगी है। मामले में तत्कालीन विधायकों को समन भेज कर पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है। खास बात यह है कि सभी नेताओं को अलग-अलग दिन पूछताछ के लिए दिए गए हैं। दलबदल करने वाले तत्कालीन विधायकों में कुछ विधायक इस समय सरकार में मंत्री हैं। कुछ बीजेपी में विधायक के तौर पर जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। जानकारी के अनुसार भाजपा के एक विधायक से सीबीआई इस मामले में पूछताछ भी कर चुकी है, जबकि बाकी विधायक और नेताओं को अलग-अलग दिनों में बुलाया गया है।
हरक सिंह रावत ने लगाया था खरीद फरोख्त का आरोप: साल 2016 में ही तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत का एक स्टिंग वीडियो सामने आया था, जिसमें वह विधायकों को पार्टी में बने रहने के लिए टॉप अप देने और मंत्री पद पर रहते हुए आंखें बंद करने जैसी बात कहते हुए नजर आए थे। इसके बाद यह मामला जांच के दायरे में आ गया था। प्रकरण पर सीबीआई को जांच दी गई थी। इसके बाद से ही मामले में चार्जशीट का सिलसिला भी शुरू हुआ था।
प्रकरण को लेकर पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने बाद में शिकायत वापस लेने के लिए भी अर्जी लगाई, लेकिन इस पर कोई फैसला नहीं हो पाया। इस मामले में सीबीआई ने पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को भी पूछताछ के लिए बुलाया है। हालांकि, राजनीतिक व्यवस्था के चलते वह तय तारीख को पूछताछ के लिए दिल्ली नहीं गए हैं। इसकी जानकारी उन्होंने पहले ही सीबीआई के अधिकारियों को दे दी थी। अब वह जल्द ही दिल्ली जाकर सीबीआई को अपने बयान दर्ज करवा सकते हैं। इस मामले में हरीश रावत, मौजूदा निर्दलीय विधायक उमेश कुमार और दलबदल करने वाले तमाम विधायक और नेता भी पूछताछ के दायरे में हैं। पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को 21 मई को दिल्ली पूछताछ के लिए बुलाया गया। इसके बाद भाजपा के ही एक विधायक से पूछताछ किए जाने की बात सामने आ रही है।