
मैं तो हूं दीवाना बाबा।
मुझसे क्या शरमाना बाबा।।
सांसों का थम जाना यानी।
जख्मों का भर जाना बाबा।।
ये दुनिया जब फानी है तो।
क्यों इतना इतराना बाबा।।
सुख-दुख तो आते जाते हैं।
दिल को भी समझाना बाबा।।
दुख अपने सब लेते आना।
मेरे घर जब आना बाबा।।
अपना कोई ठुकराए तो।
घर मेरे आ जाना बाबा।।
मैंने आंख बिछा रक्खी है।
मेरे घर भी आना बाबा।।
ताबीरें भी उनकी लाना।
जिन ख्वाबों में आना बाबा।।
सुख आएगा दुख जाएगा।
दुख से क्या घबराना बाबा।।
वो अंधों में काना राजा।
उसको क्या समझाना बाबा।।
दिल से करना दिल की बातें।
सच को मत झुठलाना बाबा।।
मेरे लोग सदा मुस्काएं।
ऐसा कुछ कर जाना बाबा।।
दर्द गढ़वाली, देहरादून
09455485094