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शादी के लिबास में बोर्ड परीक्षा देने पहुंची दुल्हन

उत्तर प्रदेश के हैं दोनों मामले, शादी से ज्यादा परीक्षा को दी अहमियत

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बोर्ड एग्जाम के दौरान ऐसे दो मामले सामने आए हैं जो ये साबित करते हैं कि आजकल की लड़कियों का सपना सिर्फ शादी करके घर बसाना नहीं है। उनके पति से पहले वो परीक्षा है जो उन्हें आजादी के पंख दे सकती है। घर, परिवार के दबाव में भले ही उन्हें जल्दी शादी करनी पड़ रही हो। लेकिन उनके लिए सात फेरों की कसमों से पहले खुद से किया वो वादा याद है.. मुझे आत्मनिर्भर बनना है। पढ़िए ऐसी ही दो लड़कियों की कहानी जो यूपी बोर्ड परीक्षा देने पहुंची थीं।

इटावा की रहने वाली जूली और हमीरपुर की स्नेहा की चर्चा हर तरफ होने लगी है। बोर्ड एग्जाम को लेकर ऐसा क्रेज लाखों स्टूडेंट्स के लिए मिसाल है। आप सोच सकते हैं कि बोर्ड परीक्षा की बेहतर तैयारी के लिए जहां छात्र एग्जाम सेंटर के अंदर जाने से पहले आखिरी मिनट तक पढ़ाई करते हैं, वहीं रात भर शादी की रस्में खत्म करने के तुरंत बाद सुबह बोर्ड परीक्षा के लिए पहुंच जाना आसान नहीं है।

बोर्ड एग्जाम किसी छात्र के जीवन में कितना खास होता है ये यूपी के इटावा और हमीरपुर में घटी इन घटनाओं से पता चलता है। हमीरपुर जिले के सुमेरपुर के इगोहटा गांव की रहने वाली स्नेहा शुक्ला लक्ष्मी चंद पालीवाल इंटर कॉलेज की 10वीं की छात्रा हैं। बुधवार की सुबह स्नेहा का संस्कृत का पेपर था। मंगलवार की रात पति के साथ सात फेरे लेने के बाद स्नेहा सुबह संस्कृत का पेपर देने चली गई।

वहीं, इटावा की रहने वाली जूली 12वीं यानी इंटर की छात्रा है। बुधवार को जूली का चित्रलेखा आलेखन का पेपर था। वो भी शादी के तुरंत बाद विदाई से पहले परीक्षा देने परीक्षा केंद्र राजकीय बालिका इंटर कॉलेज पहुंच गई। जूली पूरी तरह दूल्हन के लिबास में थी.छात्रा के इस कदम की सराहना की जा रही है।

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