
फिरोजपुर: बिना ड्राइवर के मालगाड़ी दौड़ने के मामले में स्टेशन मास्टर समेत छह रेलकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
बताते हैं कि ढ़लान के कारण बिना ड्राइवर के कठुआ (जम्मू-कश्मीर) से चलकर 80 किलोमीटर दूर ऊंची बसी (पंजाब) पहुंची मालगाड़ी का ड्राइवर कठुआ रेलवे स्टेशन पर चाय पीने उतरा था। बकौल रिपोर्ट्स, ड्राइवर हैंड ब्रेक लगाए बिना स्टार्ट इंजन से उतर गया था। इस दौरान मालगाड़ी की रफ्तार 80 किलोमीटर/घंटे तक गई थी और घटना की जांच जारी है।
डीआरएम ने कहा कि उक्त मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की गई है, जो कठुआ में जांच कर रही है। शुरुआती दौर में कठुआ रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर, मालगाड़ी के लोको पायलट, सहायक लोको पायलट, प्वाइंटमैन (कठुआ), लोको इंस्पेक्टर, और टीआई को निलंबित कर दिया गया है। एक सवाल के जवाब में साहू ने कहा कि कठुआ में खड़ी मालगाड़ी से जुड़े दोनों डीजल इंजन बंद थे। ये ट्रेन कैसे चल पड़ी इस संबंध में कमेटी जांच करने में जुटी है। ट्रेन जम्मू के कठुआ और पंजाब के ऊंची बस्सी के बीच लगभग 78 किलोमीटर दौड़ी है।
ट्रेन की प्रत्येक गतिविधियों पर फिरोजपुर स्थित कंट्रोल रूम में बैठ कर पल-पल की जानकारी हासिल की जा रही थी। इसे रोकने के लिए रेल पटरी में मिट्टी भी डाली गई थी। सभी ट्रेनों को रोक दिया गया था। यही नहीं बिजली बंद कर दी गई थी।
एक सवाल के जवाब में साहू ने कहा कि उक्त ट्रेन को रेल पटरी से उतारने की भी योजना बनाई जा रही थी लेकिन ट्रेन की रफ्तार धीमी होने लगी, इसीलिए उनके मुलाजिमों ने ट्रेन को सही सलामत ऊंची बस्सी में रोक लिया।
साहू ने कहा कि कई समाचारों में लिखा है कि लोको पायलट चाय पीने उतरा था ऐसा कुछ नहीं है। ट्रेन में लगे दोनों डीजल इंजन बंद थे। अगर बिजली वाले इंजन होते तो पावर बंद कर ट्रेन को रोक लिया जाता। कमेटी की जांच में अगर और भी अधिकारी व मुलाजिम आरोपी मिले तो उनके खिलाफ बनती कार्रवाई की जाएगी।