सामाजिक न्याय सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता: द्रौपदी मुर्मू
-राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को किया संबोधित, दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है भारत

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 78वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर बुधवार को राष्ट्र को संबोधित किया। संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि समावेशन के साधन के रूप में सकारात्मक कार्रवाई को मजबूत किया जाना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि मेरा दृढ़ विश्वास है कि कथित सामाजिक पदानुक्रम के आधार पर मतभेद को बढ़ावा देने वाली प्रवृत्तियों को खारिज किया जाना चाहिए। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि सामाजिक न्याय नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने एससी, एसटी और हाशिए पर पड़े वर्गों के कल्याण के लिए कई अभूतपूर्व पहल की हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने निर्वाचन आयोग, सभी अधिकारियों, सुरक्षा कर्मियों की सराहना की जिन्होंने गर्मी का सामना करते हुए 2024 के लोकसभा चुनावों को सफलतापूर्वक संपन्न कराने में मदद की।
पूरा देश स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए तत्पर है. इस उल्लासपूर्ण अवसर पर मैं आप सब को एक बार फिर बधाई देती हूं। मैं सेनाओं के उन बहादुर जवानों को विशेष बधाई देती हूं जो अपनी जान का जोखिम उठाते हुए भी हमारी स्वतन्त्रता की रक्षा करते हैं।
खेल जगत भी एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें हमारे देश ने पिछले दशक में बहुत प्रगति की है. सरकार ने खेल के बुनियादी ढांचे के विकास को समुचित प्राथमिकता दी है और इसके परिणाम सामने आ रहे हैं। हाल ही में संपन्न पेरिस ओलंपिक खेलों में भारतीय दल ने अपना उत्कृष्ट प्रयास किया। मैं खिलाड़ियों की निष्ठा और परिश्रम की सराहना करती हूं। उन्होंने युवाओं में प्रेरणा का संचार किया है।
रोजगार और कौशल के लिए प्रधानमंत्री की पांच योजनाओं के माध्यम से पांच वर्षों में चार करोड़ दस लाख युवाओं को लाभ मिलेगा। सरकार की एक नई पहल से पांच वर्षों में एक करोड़ युवा अग्रणी कंपनियों में इंटर्नशिप करेंगे. ये सभी कदम, विकसित भारत के निर्माण में आधारभूत योगदान देंगे। ग्लोबल वार्मिंग के सबसे गंभीर कुप्रभावों से पृथ्वी को बचाने के लिए मानव समुदाय द्वारा किए जा रहे संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभाने पर भारत को गर्व है. मैं आप सभी से अनुरोध करती हूं कि आप अपनी जीवनशैली में छोटे-छोटे किन्तु प्रभावी बदलाव करें तथा जलवायु परिवर्तन की चुनौती का सामना करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें।
यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, और हम शीघ्र ही विश्व की तीन शीर्षस्थ अर्थ-व्यवस्थाओं में स्थान प्राप्त करने के लिए तैयार हैं। यह सफलता किसानों और श्रमिकों की अथक मेहनत, नीति-निर्माताओं और उद्यमियों की दूरगामी सोच तथा देश के दूरदर्शी नेतृत्व के बल पर ही संभव हो सकी है।
वर्ष 2021 से वर्ष 2024 के बीच 8 प्रतिशत की औसत वार्षिक वृद्धि दर हासिल करके, भारत सबसे तेज गति से बढ़ने वाली बड़ी अर्थ-व्यवस्थाओं में शामिल है। इससे न केवल देशवासियों के हाथों में अधिक पैसा आया है, बल्कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या में भी भारी कमी आई है।
आज 14 अगस्त को, हमारा देश विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मना रहा है। यह विभाजन की भयावहता को याद करने का दिन है। जब हमारे महान राष्ट्र का विभाजन हुआ, तब लाखों लोगों को मजबूरन पलायन करना पड़ा। लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. स्वतंत्रता दिवस मनाने से एक दिन पहले, हम उस अभूतपूर्व मानवीय त्रासदी को याद करते हैं और उन परिवारों के साथ एक-जुट होकर खड़े होते हैं जो छिन्न-भिन्न कर दिए गए थे।
हम उस परंपरा का हिस्सा हैं जो स्वाधीनता सेनानियों के सपनों और उन भावी पीढ़ियों की आकांक्षाओं को एक कड़ी में पिरोती है जो आने वाले वर्षों में हमारे राष्ट्र को अपना सम्पूर्ण गौरव पुनः प्राप्त करते हुए देखेंगी। हमने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। अगले वर्ष उनकी 150वीं जयंती का उत्सव राष्ट्रीय पुनर्जागरण में उनके योगदान को और अधिक गहराई से सम्मान देने का अवसर होगा।