
देहरादून: विकासनगर अंतर्गत राजा रोड पर स्थित एक यूनिवर्सिटी की बी काम और बीसीए की छात्राओं ने मीडिया को बताया कि उनकी ही यूनिवर्सिटी की छात्राओं ने उनके साथ रैगिंग कर सारी हदें पार कर दीं, जिससे यह छात्राएं मानसिक तनाव में आ गईं। मामला यूनिवर्सिटी प्रबंधन तक भी पहुंचा, लेकिन इस मामले का कोई हल नहीं निकला। हल न निकलने के कारण पीड़ित छात्राओं ने अब यूनिवर्सिटी छोड़ दी है।
पीड़ित छात्रा का कहना है कि उसको पहले दिन से ही टार्चर किया जा रहा है। उसकी रैगिंग ली जा रही है। सीनियर छात्राएं कहती हैं, हमें गुड मॉर्निंग मेम और सर बोलिए। हमारे लिए चाय लाइए। पूरे कैंपस में राउंड लगाइए। वह कहती हैं कि जो हम कहे वह करो। छात्रा ने कहा कि जहां भी हम जाते हैं सीनियर छात्राएं पीछा करती हैं और टोकती हैं। सीनियर छात्राओं ने कहा कि मैंने तुम्हारा वीडियो बनाया है और उसको दूसरी साइट्स पर डालेंगे।
पीड़ित छात्रा ने कहा कि इसकी शिकायत गुरुवार को यूनिवर्सिटी प्रबंधन से की थी। इसके बाद डीन और डायरेक्टर के साथ मीटिंग भी हुई। इस दौरान सीनियर छात्राएं भी मौजूद रहीं। यहां भी सीनियर छात्राओं ने बदतमीजी की, लेकिन डीन और डायरेक्टर ने कोई कार्रवाई नहीं की। पीड़ित छात्रा ने कहा कि इसके बाद लिखित में शिकायत करने के बाद आज मीटिंग हुई, लेकिन इसमें भी कोई फैसला नहीं हुआ। छात्रा ने कहा कि अब यूनिवर्सिटी जाना छोड़ दिया है। उसको इस माहौल में नहीं रहना है।
मामले का कोई हल न निकलता देखकर पीड़ित छात्राओं के परिजनों ने इसकी शिकायत एंटी रैगिंग सेल और मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी की है। इसमें मांग की गई है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए इस पर कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में किसी बच्चे का भविष्य न खराब हो। मामले की गंभीरता को लेकर जब मीडिया ने इस गंभीर अपराध मसले पर संस्थान से उनका पक्ष और कार्यवाही के बारे में जानने की कोशिश की तो संस्थान ने मीडिया से दूरी बना ली और ख़ामोशी ओढ़ ली। लेकिन सवाल बड़ा है कि रैगिंग का भूत जिन स्टूडेंट्स पर चढ़ा है उसे कौन और कब उतारेगा।