उत्तराखंड विधानसभा में एक लाख करोड़ से ज्यादा का बजट पेश
-वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने पेश किया बजट, अटल बिहारी वाजपेयी के शब्दों को दोहराया -मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने इस बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और ग्रामीण विकास को दी है प्राथमिकता

देहरादून: उत्तराखंड में गुरुवार को विधानसभा सत्र के तीसरे दिन वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने धामी सरकार की ओर से वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1,01175 करोड़ से ज्यादा का बजट पेश किया। बजट में कोई भी राजस्व घाटा अनुमानित नहीं है।
राज्य के वित्त मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल ने विधानसभा में यह बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार की प्राथमिकता आर्थिक संतुलन बनाए रखते हुए विकास कार्यों को गति देना है।
वित्त मंंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के शब्दों को दोहराया। कहा कि राज्य सरलीकरण, समाधान व निस्तारीकरण के मार्ग पर अग्रसरित हैं। बजट हमारे प्रदेश की आर्थिक दिशा और नीतियों का प्रमाण है। उत्तराखंड अनेक कार्यों का साक्षी रहा है। हम आत्मनिर्भर उत्तराखंड बनाने के लिए हम प्रयत्नशील हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने इस बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और ग्रामीण विकास को प्राथमिकता दी है।
बजट में सरकार ने कुल ₹1,01,034.75 करोड़ की प्राप्तियों का अनुमान लगाया है, जिसमें ₹62,540.54 करोड़ राजस्व प्राप्तियाँ और ₹38,494.21 करोड़ पूंजीगत प्राप्तियाँ शामिल हैं। कर राजस्व से ₹39,917.74 करोड़ और गैर-कर राजस्व से ₹22,622.80 करोड़ प्राप्त होने की संभावना है. वहीं, ऋण एवं अन्य देनदारियों से ₹38,470.00 करोड़ की पूंजीगत प्राप्तियाँ होने का अनुमान है।
कितना होगा खर्च
सरकार ने इस बजट में कुल ₹1,01,175.33 करोड़ के व्यय का प्रावधान किया है, जिसमें ₹59,954.65 करोड़ राजस्व व्यय और ₹41,220.68 करोड़ पूंजीगत व्यय शामिल है। राज्य को ₹2,585.89 करोड़ का राजस्व घाटा होने का अनुमान है, जबकि वित्तीय घाटा ₹12,604.92 करोड़ और प्राथमिक घाटा ₹5,614.78 करोड़ तक पहुँच सकता है. ब्याज भुगतान पर ₹6,990.14 करोड़ और ऋण अदायगी पर ₹26,005.66 करोड़ का व्यय किया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “यह बजट उत्तराखंड को आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हमने शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता दी है। सरकार ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में संतुलित विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
बजट नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाएगा- वित्त मंत्री
वित्त मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल ने कहा, “बजट का मुख्य उद्देश्य वित्तीय अनुशासन बनाए रखते हुए विकास को गति देना है। हम राजस्व संग्रहण को बेहतर बनाने और पूंजीगत व्यय में वृद्धि के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं. यह बजट राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के साथ-साथ नागरिकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाएगा।
उत्तराखंड सरकार का 2025-26 का बजट वित्तीय संतुलन और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है. इसमें ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लिए समावेशी योजनाएँ शामिल हैं. सरकार ने बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य और शिक्षा में निवेश बढ़ाकर राज्य की प्रगति को गति देने का प्रयास किया है. अब देखना होगा कि इस बजट के प्रावधानों को जमीन पर उतारने में सरकार कितनी सफल होती है।
इन क्षेत्रों में हुआ इतने करोड़ का प्रावधान
एमएसएमई उद्योगों के लिए 50 करोड़।
मेगा इंडस्ट्री नीति के लिए 35 करोड़।
स्टार्टअप उद्यमिता प्रोत्साहन के लिए 30 करोड़।
यूजेवीएनएल की तीन बैटरी आधारित परिजनाएं मार्च 2026 तक पूरी होंगी।
मेगा प्रोजेक्ट योजना के तहत 500 करोड़।
जमरानी बांध के लिए 625 करोड़।
सौंग बांध के लिए 75 करोड़।
लखवाड़ के लिए 285 करोड़ राज्यों के लिए विशेष पूंजीगत सहायता के तहत 1500 करोड़।
जल जीवन मिशन के लिए 1843 करोड़।
नगर पेयजल के लिए 100 करोड़।
अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्रों के विकास के लिए 60 करोड़।
अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों के लिए 08 करोड़ मिलेंगे।
पूंजीगत मद में लोनिवि को 1268.70 करोड़।
पीएमजीएसवाई के तहत 1065 करोड़।
नागरिक उड्डयन विभाग को 36.88 करोड़।
बस अड्डों के निर्माण के लिए 15 करोड़ मिलेंगे।
लोनिवि में सड़क अनुरक्षण के लिए 900 करोड़
पर्यटन के लिए
पूंजीगत कार्यों के विकास के लिए 100 करोड़।
टिहरी झील के विकास के लिए 100 करोड़।
मानसखंड योजना के विकास के लिए 25 करोड़।
वाइब्रेंट विलेज योजना के लिए 20 करोड़।
नए पर्यटन स्थलों के विकास के लिए 10 करोड़।
चारधाम मार्ग सुधारीकरण के लिए 10 करोड़।
यह काम होंगे
220 किमी नई सड़कें बनेंगी।
1000 किमी सड़कों का पुनर्निर्माण
1550 किमी मार्ग नवीनीकरण
1200 किमी सड़क सुरक्षा कार्य और 37 पुल बनाने का लक्ष्य है।