‘भारत की नारी का सुंदर चित्र दिखाने आई हूं’
-मध्य प्रदेश की कवयित्री आचार्य संवेदना के सम्मान में देवभूमि में ओज कवि जसवीर सिंह हलधर के आवास परहुई काव्य गोष्ठी, कवियों ने गीत-ग़ज़लों से बांधा समां, तीन घंटे से ज्यादा समय तक सजी महफ़िल

देहरादून: राजधानी दून में एमडीडीए कालोनी स्थित ओज के प्रतिष्ठित कवि जसवीर सिंह हलधर के आवास पर शुक्रवार को आयोजित काव्य गोष्ठी में कविता के विविध रूप देखने को मिले। मध्य प्रदेश की प्रसिद्ध कवयित्री आचार्य संवेदना के सम्मान में तीन घंटे से ज्यादा समय तक चली इस महफ़िल में कवियों ने गीत और ग़ज़लों से समां बांध दिया। गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि केडी शर्मा ने की, जबकि संचालन युवा कवि अवनीश मलासी ने किया।
कवि गोष्ठी की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई और युवा कवयित्री कविता बिष्ट ने मां सरस्वती का गुणगान किया। इसके बाद आचार्य संवेदना ने जब भावपूर्ण गीत सुनाए, तो श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। संवेदना ने जब ‘भारत की नारी का सुंदर चित्र दिखाने आई हूं, रक्षा करना राम धरा की विनती बारम्बार करूं, संत और ऋषि रूठे पित्र मनाने आई हूं’ गीत गुनगुनाया तो समूचा माहौल ही भक्तिमय हो गया। शायर सागर डंगवाल ने अपनी ग़ज़लें सुनाकर वाहवाही बटोरी। धर्मेंद्र उनियाल धर्मी के शेर भी खूब पसंद किए गए। मीरा नवेली ने तरन्नुम में गीत सुनाया, जिसे काफी सराहा गया। रामविनय सिंह ने संस्कृत में ग़ज़ल सुनाकर सबको अचंभित कर दिया। मणि अग्रवाल मणिका के छंदों पर जमकर तालियां बजी। शिवमोहन सिंह और श्रीकांत श्री की कविता भी खूब पसंद की गई। हास्य कवि राकेश जैन ने अपनी कविताओं से खूब हंसाया।
वरिष्ठ शायर अंबर खरबंदा ने ग़ज़लों के अलावा मुख़म्मस सुनाकर महफ़िल लूट ली। ओज कवि जसवीर सिंह हलधर ने छंदों के अलावा वीर रस की कविता सुनाकर तालियां बटोरी। अरूण भट्ट ने तरन्नुम से ग़ज़ल सुनाई, जो काफी पसंद की गई। अवनीश मलासी की शिव और गौरा की शादी से संबंधित कविता भी खूब पसंद की गई।
असीम शुक्ल के नवगीतों में श्रोता देर तक डूबते-उतराते रहे। दर्द गढ़वाली की ग़ज़ल को भी सराहा गया। वरिष्ठ कवि केडी शर्मा ने अध्यक्षीय उद्बोधन के बाद मां सीता से संबंधित गीत सुनाकर समां बांधा।