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वाह उस्ताद…..अब राबिन नहीं पंडित राबिन करमाकर बोलिए 

आकाशवाणी महानिदेशालय ने आकाशवाणी देहरादून के सितार वादक राबिन करमाकर को प्रदान किया टॉप ग्रेड

देहरादून: आकाशवाणी देहरादून में संगीत अनुभाग में कार्यरत सितार वादक राबिन करमाकर को आकाशवाणी महानिदेशालय की ओर से शास्त्रीय संगीत (सितार वादन) में टॉप ग्रेड प्रदान किया गया है। टॉप ग्रेड आकाशवाणी की ओर से संगीत के क्षेत्र में दिया जाने वाला सर्वोच्च ग्रेड है। राबिन करमाकर टॉप ग्रेड प्राप्त करने वाले उत्तराखंड राज्य के पहले सितार वादक हैं।

राबिन ने देश भर के विभिन्न मंचों पर अपने सितार वादन से संगीत प्रेमियों को आल्हादित किया है। 27 जुलाई वर्ष 1995 में राबिन करमाकर ने आकाशवाणी नजीबाबाद में स्टाफ आर्टिस्ट के रूप में करियर आरंभ किया। 20 जून 2017 से राबिन करमाकर आकाशवाणी देहरादून केंद्र में अपनी सेवाएं दे रहें हैं। राबिन करमाकर को वर्ष 2013 में सितार वादन में ‘ए’ ग्रेड प्रदान किया गया था। आकाशवाणी की परंपरा के अनुसार अब उन्हें पंडित की उपाधि प्राप्त हो गई है।

ज्ञातव्य है कि टॉप ग्रेड आकाशवाणी की ओर से संगीत के क्षेत्र में दिया जाने वाला सर्वोच्च ग्रेड है। राबिन करमाकर टॉप ग्रेड प्राप्त करने वाले उत्तराखंड राज्य के पहले सितार वादक हैं।

कोलकाता में जन्मे राबिन करमाकर ने छोटी उम्र से ही अपने पिता नकुल करमाकर से सितार सीखना आरंभ कर दिया था। बाद में राबिन ने पंडित विश्वनाथ चटर्जी और उसके पश्चात पंडित श्यामल चटर्जी से सितार की बारीकियां सीखी व विभिन्न रागों का ज्ञान अर्जित किया।

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