धामी के तेवर तीखे, मंत्रियों से मांगी दौरे की रिपोर्ट
- सीएम ने दिसंबर 2022 में मंत्रियों को सौंपा था जिलों का प्रभार, मंत्रियों ने मार्च से अब तक सीएम को नहीं दी भ्रमण की रिपोर्ट

देहरादून: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मंत्रिमंडल में विस्तार की सुगबुगाहट और मंत्रियों की दिल्ली दौड़ के बीच उनकी क्लास लेनी शुरू कर दी है। प्रभारी मंत्रियों को पत्र लिखकर बाकायदा उन्हें उनके काम की याद दिलाई है। साथ ही जिलों के दौरों, प्रभारी जिलों में किए गए रात्रि प्रवास, मीटिंग की विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। हर महीने दी जाने वाली यह रिपोर्ट मंत्रियों ने मार्च से अभी तक नहीं दी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिसंबर 2022 को मंत्रियों को जिलों का प्रभार सौंपा था। इस दौरान मंत्रियों से अपेक्षा की गई थी कि वे अपने प्रभारी जिले में हर महीने किसी एक विकासखंड में जाकर विकास योजनाओं का निरीक्षण करें। इस दौरान वहां रात्रि विश्राम कर जनता और कार्यकर्ताओं की समस्याओं को सुना जाए और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए जाएं। मंत्रियों को हर महीने अपनी भ्रमण की डिटेल रिपोर्ट कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग के जरिए सीएम को भेजनी थी। शुरुआती दौर में तो मंत्रियों ने ये रिपोर्ट भेजी भी, लेकिन पिछले छह महीने से मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को छोड़कर किसी ने भी मुख्यमंत्री को अपने दौरों की रिपोर्ट नहीं सौंपी। लिहाजा दो अगस्त को मुख्यमंत्री को खुद एक एक मंत्री को पत्र लिखकर रिपोर्ट की याद दिलानी पड़ी।
उत्तराखंड में मंत्रियों को लेकर ये बात उठती रही है कि मंत्री अपनी विधानसभा के मंत्री बनकर रह गए हैं। फॉरेस्ट फायर हो या फिर चारधाम यात्रा या फिर केदारनाथ आपदा.. हर मोर्चे पर अंत में सीएम को ही कमान संभालनी पड़ती है।
हालांकि, मंत्रियों का दावा है कि वे अपने-अपने प्रभारी जिलों में नियमित दौरे कर रहे हैं और सीएम को रिपोर्ट भी भेज रहे हैं। खास बात ये है कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मंत्रियों का बचाव करते हुए नजर आ रहे हैं।
सूत्रों की माने तो कई मंत्री पंद्रह अगस्त, 26 जनवरी या फिर जिला प्लान की मीटिंग के अलावा प्रभारी जिलों का रूख ही नहीं करते,ब्लॉक लेवल पर जाकर वहां रात्रि प्रवास करना तो दूर की बात है,यही कारण है कि मुख्यमंत्री को एक-एक मंत्री को पत्र लिखकर उन्हें उनके दौरों की याद दिलानी पड़ी है।