उत्तराखंडस्थानीय निकाय चुनाव

उत्तराखंड के अधिकतर निकायों में निर्दलियों को मिली जीत

नगर निगम के मेयरों पर भाजपा का दबदबा लेकिन 7 में पार्षदों का बहुमत नहीं

देहरादून: उत्तराखंड में भले ही नगर निकाय चुनावों में भाजपा की बड़ी जीत के कितने भी दावे किये जा रहे हों, लेकिन वास्तविकता में प्रदेश में सर्वाधिक नगर निकायों में निर्दलीयों को जीत मिली है। 11 नगर निगमों में 10 मेयर के जीतने के अतिरिक्त सत्तारूढ़ भाजपा भी अपना दबदवा नहीं दिखा पायी है। इन निगमों में भी 7 निगमों के पार्षदों में भाजपा का बहुमत न होने के चलते तथा नगर निगम अधिनियमों में मेयर को अत्याधिक कम शक्तियों के चलते वहां भी उनका प्रभुत्व होने की संभावनायंे नहीं हैं।
राज्य चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध अधिकारिक आंकड़ों के विश्लेषण से यह जानकारी जन जागरूकता के लिये सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट ने उपलब्ध करायी है।
राज्य चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध विवरण के अनुसार नगर प्रमुख/अध्यक्ष के कुल 100 पदों में से भाजपा 42 पर ही जात हासिल कर सकी है जबकि निर्दलीय 29, कांग्रेस 27 तथा बहुजन समाज पार्टी को 2 सीटों पर जीत मिली है।
इनमें से नगर निगम के नगर प्रमुखों (मेयर) के 11 पदों में से 10 पर भाजपा को जीत मिली हैं जबकि श्रीनगर की सीट निर्दलीय द्वारा जीती गयी है। नगर पालिका अध्यक्ष के 43 पदों में से भाजपा केवल 17 सीट ही जीत पायी है जबकि 13 निर्दलीय, 12 कांग्रेस तथा 1 बहुजन समाज पार्टी को मिली है। नगर पंचायत अध्यक्षों के 46 पदों में से 15-15 पर भाजपा, कांग्रेस व निर्दलीय तथा 1 पर बहुजन सामज पार्टी को जीत मिली है।
नगर निगमों में भारी जीत का भाजपा प्रचार कर रही है लेकिन वहां भी वास्तविकता वैसी नहीं है। यह सच है कि भाजपा ने प्रदेश के 11 में से दस नगर प्रमुख/मेयर के पदों पर जीत जरूर हासिल की है और निर्दलीय को श्रीनगर नगर निगम के मेयर की ही सींट मिली हैं। लेकिन नगर निगम अधिनियम में मेयर को अत्यन्त कम शक्तियों के चलते इसका लाभ भी भाजपा को अधिक नहीं मिल सकेगा। 11 में से 7 निगमों में भाजपा के पार्षदों का बहुमत न होने के चलते वहां वह अपने तरीके से नगर की सरकार नहीं चला सकेगी। 11 में से केवल 4 नगर निगमों में ही भाजपा को पार्षदों की आधे से अधिक सीटें मिली हैं। जिसमें रूद्रपुर में 40 में से 21, रूड़की में 24, देहरादून में 100 में से 63 तथा हरिद्वार में 60 में से 40 पार्षद शामिल हैं। अन्य 40 पार्षदों वाले निगमों में काशीपुर में 19, अल्मोड़ा में 15, ऋषिकेश में 18, श्रीनगर में 16 तथा कोटद्वार में 18 पार्षद ही भाजपा के जीते हैं जबकि 60 पार्षदों वाले हल्द्वानी में भाजपा के एक तिहाई 20 पार्ष%

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