मानसून सत्र हंगामेदार रहने के आसार
विपक्ष ने की सरकार को घेरने की पूरी तैयारी

देहरादून:उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र में 21 अगस्त से गैरसैंण के भराड़ीसैंण में शुरू हो रहा है। जिसको लेकर प्रदेश में सियासत गर्म हो चुकी है। तीन दिवसीय सत्र के हंगामादार रहने की पूरी उम्मीद है।
धामी सरकार के लिए गैरसैंण का मानसून सत्र काफी अहम रहने वाला है। क्योंकि सत्ता पक्ष जहां इन तीन दिनों में विपक्ष के हमलों से घिरता हुआ नजर आएगा। तो वहीं सदन के भीतर सत्र की अवधि बढ़ाने को लेकर भी विपक्ष सदस्य काफी हंगामा करेंगे। सत्ता पक्ष की तरफ से जहां सदन के भीतर अनुपूरक बजट और खेल विश्वविद्यालय का जैसे महत्वपूर्ण विधेयक पास करने का काम किया जाएगा। तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष की तरफ से केदारनाथ आपदा और कानून व्यवस्था जैसे गंभीर विषयों को उठाने का काम किया जाएगा। कुल मिलाकर देखें तो तीन दिन के इस विधानसभा सत्र में विपक्षी सदस्यों के हंगामा के बीच सत्ता पक्ष का एक्शन मोड भी देखने को मिलेगा।
मानसून सत्र के पहले दिन दिवंगत विधायकों को श्रद्धांजलि देने का काम किया जाएगा। दूसरे दिन सत्ता पक्ष की तरफ से अनुपूरक बजट को सदन के पटल पर रखने का काम होगा। सरकार सत्र के दौरान हल्द्वानी में बन रहे खेल विश्वविद्यालय के विधेयक को भी लाने का काम करेगी। सरकार इस सत्र में निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक को भी लाने का काम करेगी।
विपक्ष के द्वारा सदन में उठाने जाने वाले विषय
केदारनाथ मंदिर निर्माण विवाद को उठाने का काम किया जाएगा।
केदार घाटी में आई आपदा के विषय को भी विपक्ष सदन में उठाएगी।
प्रदेश में बिगड़ रही कानून व्यवस्था पर भी विपक्ष कार्य स्थगन का प्रस्ताव लाने का काम करेगा। बेरोजगारी और महंगाई जैसे विषयों पर भी विपक्ष चर्चा की मांग करेगा।
विपक्षी दल कांग्रेस शुरू से ही तीन दिवसीय सत्र को लेकर सवाल उठाता आया है। विपक्ष की माने तो सरकार जनहित के मुद्दों पर बचने के लिए सत्र की अवधि कम करने का काम करते हैं। जिस पर ना तो जनता के विषय उठ पाते हैं और ना ही सदन में कोई चर्चा हो पाती है।
विधानसभा सत्र को लेकर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कमलेश रमन ने कहा कि अब समय आ गया है कि विपक्ष के सदस्यों को भी सकारात्मकता के साथ सदन में आना चाहिए। भाजपा नेत्री ने कहा कि अगर कांग्रेस के सदस्य सहयोग नहीं करेंगे तो फिर सदन के भीतर जनहित के महत्वपूर्ण विषय पर कोई हल नहीं निकल पाएगा।
उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र भले ही तीन दिन का हो। लेकिन अगर सकारात्मक रूख के साथ सदन की कार्रवाई चलती है। जनहित के प्रश्न भी सदन के भीतर हल हो पाएंगे। और जनता से जुड़े ज्वलंत मुद्दों पर भी सरकार संजीदगी के साथ काम कर पाएगी। ऐसे में अब देखना है यह होगा कि सदन के भीतर विपक्ष का हंगामा बढ़ता है। या फिर सत्ता पक्ष विपक्ष के दबाव में सत्र की अवधि बढ़ाने का काम करता।
——————–
विपक्ष के हमले का जवाब देने को भाजपा ने बनाई रणनीति
गैरसैंण। उत्तराखंड विधानसभा का मानसून सत्र 21 अगस्त से गैरसैंण में शुरू हो रहा है। मंगलवार को पूरी सरकार लाव-लश्कर के साथ गैरसैंण पहुंच गई। शाम के समय भराड़ीसैंण में भाजपा विधानमंडल दल की बैठक में विपक्ष के हमलों का धारदार तरीके से जबाव देने की रणनीति बनाई गई।
बैठक में तय किया गया कि विधानसभा सत्र के दौरान राज्य सरकार के जनहित के बड़े फैसलों और कार्यों का सदन में पुरजोर तरीके से उल्लेख किया जाएगा।
भाजपा विधानमंडल दल की बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, संसदीय कार्यमंत्री प्रेम चंद अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, डा. धन सिंह रावत व रेखा आर्या, महाराज, विधायक बंशीधर भगत, अरविंद पांडे, विनोद कंडारी, किशोर उपाध्याय, खजान दास, सरित आर्या समेत कई अन्य विधायक मौजूद थे।