वरिष्ठ पत्रकार विकास धूलिया का निधन, छाया शोक
- पिछले एक हफ्ते से थी पेट दर्द की शिकायत, इसके बावजूद आते रहे आफिस, समूचे पत्रकारिता जगत में शोक की लहर छाई, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धूलिया के घर पहुंचकर दी श्रद्धांजलि, डीजी बंशीधर तिवारी समेत कई राजनेताओं और अधिकारियों ने जताया शोक

देहरादून: वरिष्ठ पत्रकार और दैनिक जागरण के राज्य ब्यूरो प्रमुख और उत्तरांचल प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष विकास धूलिया का सोमवार सुबह आकस्मिक निधन हो गया। 53 वर्षीय धूलिया अपनी पत्नी और दो बच्चों समेत भरापुरा परिवार छोड़ गए हैं। उनका बेटा बीटेक तो बेटी कानून की पढ़ाई कर रही है। उनका दोपहर बाद हरिद्वार स्थित खड़खड़ी श्मशान घाट में अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस बीच, धूलिया के आकस्मिक निधन से पत्रकार जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत कई राजनेताओं व अधिकारियों ने शोक जताया है। उनके निधन की खबर सुनकर हर कोई स्तब्ध है और इस पर यकीन नहीं कर पा रहा है। धूलिया के निधन के शोक में रविवार को प्रेस क्लब भी पूरी तरह बंद रहा।
बताते हैं कि विकास धूलिया को करीब हफ्ते भर से पेट दर्द की शिकायत थी। उन्होंने रविवार को अपना साप्ताहिक कालम ‘सत्ता के गलियारे से’ भी लिखा और रात जल्दी ही घर चले गए थे। मध्य रात्रि उन्हें खून की उल्टियां हुई और रविवार सुबह उनकी तबीयत और बिगड़ गई। सुबह गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। विकास धूलिया ने कोटद्वार से अपनी पत्रकारिता की शुरुआत की थी और करीब 20 साल पहले वह परिवार सहित देहरादून आ गए थे। दैनिक जागरण में राज्य ब्यूरो प्रमुख धूलिया की शासन ही नहीं राजनीतिक पत्रकारिता में भी अच्छी पकड़ थी। पृथक राज्य आंदोलन के दौरान उनकी रिपोर्टिंग काफी चर्चित रही।
धूलिया के निधन की सूचना से उत्तराखंड के पत्रकारिता जगत में शोक छा गया। ख़ुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वरिष्ठ पत्रकार विकास धूलिया के आकस्मिक निधन पर दुःख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति और शोकाकुल परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है।
महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी ने भी वरिष्ठ पत्रकार विकास धूलिया के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति और शोकाकुल परिवारजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है। जिलाधिकारी सविन बंसल ने भी धूलिया के निधन को अपूर्णीय क्षति बताया है।