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विद्युत संविदा कर्मियों ने दी आंदोलन की चेतावनी

बैठक में विभिन्न मांगों पर की गई चर्चा

देहरादून: विद्युत संविदा एकता मंच की कार्यकारिणी की एक अति आवश्यक बैठक वर्चुअल माध्यम से आयोजित की गई, बैठक में विभिन्न जनपदों के वरिष्ठ पदाधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े। बैठक का मुख्य एजेंडा ऊर्जा के तीनों निगमों में उपनल के माध्यम से कार्यरत संविदा कर्मचारियों की वर्षों से लंबित समस्याओं पर चर्चा तथा निगम प्रबंधनों द्वारा अब तक की गई कार्यवाहियों से अवगत करना था। चर्चा के दौरान सभी वक्ताओं ने उत्तराखंड शासन द्वारा संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण, समान वेतन, वीडीए, वार्षिक वेतन बढ़ोतरी, 300 यूनिट बिजली फ्री सहित विभिन्न ज्वलंत समस्याओं पर कोई ठोस कार्यवाही न किए जाने पर घोर नाराजगी व्यक्त की गई। साथ ही व्यापक आंदोलन की चेतावनी दी।
बैठक में ऊर्जा के तीनों निगमों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों की मेडिकल सुविधा तथा विद्युत दुर्घटना में सम्मानजनक मुआवजे के विषय में भी विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। वक्ताओं ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के तहत उपनल से प्राप्त जानकारी के अनुसार अक्टूबर,2024 से ऊर्जा क्षेत्र के अंतर्गत कार्यरत लगभग 1250 संविदा कर्मचारियों की मेडिकल सुविधा खत्म हो चुकी है और संविदा कर्मचारियों को अपना व अपने परिवार का इलाज करने में कई तरह की आर्थिक परेशानियां झेलनी पड़ रही है।
बैठक में विद्युत संविदा एकता मंच के संयोजक विनोद कवि, सह संयोजक लाल सिंह गुसाईं, मनोज पंत, नागेंद्र मेंदोला, मंजू तिवारी, पंकज रावत, प्रचार प्रभारी कंचन जोशी, कैलाश उपाध्याय, सुनील चौहान, सुरेंद्र रयाल, मनीष पेटवाल, अनिल नौटियाल, सुभाष डोभाल, विकास पुंडीर, प्रियधर बेनिवाल इत्यादि उपस्थित रहे।

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