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आरक्षण के मुद्दे को लेकर 21 को भारत बंद का एलान

देहरादून: 21 अगस्त को पूरा भारत बंद रहेगा। एससी/एसटी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जवाब देते हुए आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने इस भारत बंद का ऐलान किया है। किसी भी तरह के तनाव से बचने के लिए राज्यों के हर जिले में पुलिस तैनात कर दी गई है।
आरक्षण एक ऐसा मुद्दा रहा है जिसको लेकर हर बार बवाल होता है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी रिजर्वेशन को लेकर एक फैसला दिया जिस पर आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने कड़ा विरोध जताया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एससी/एसटी आरक्षण पर फैसला सुनाते हुए क्रीमीलेयर बनाने की अनुमति दी है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को एससी एसटी ग्रुप के अंदर सब कैटेगरी बनाने के लिए कहा है। कोर्ट के अनुसार, जिन लोगों को वास्तव में इसकी जरूरत है, उन्हें आरक्षण में प्राथमिकता मिलनी चाहिए। इसी बीच आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने भारत बंद करने का ऐलान कर कोर्ट से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है। आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने बुधवार को देशभर में इस विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है, जिसका समर्थन कई दलित समूहों ने किया है। इसके साथ ही राजनीति पार्टी बसपा ने भी भारत बंद का समर्थन किया है।
बंद के दौरान हिंसा की आशंका को देखते हुए पुलिस के आला अधिकारियों ने सभी संभागीय आयुक्त, जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के लिए जरुरी दिशा-निर्देश जारी किया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश को खास तौर पर संवेदनशील माना गया है, जिसके चलते वहां पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है। विरोध प्रदर्शन के दौरान जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिकारी व्यापक कदम उठा रहे हैं।
हालांकि, भारत बंद के दौरान क्या खुलेगा रहेगा और क्या बंद रहेगा इसको लेकर कोई आधिकारिक ऐलान अभी तक नहीं किया गया है और मार्केट ऑर्गेनाइजेशन ने अब तक इस बात की पुष्टि नहीं की है। माना जा रहा है कि बंद का असर पब्लिक ट्रांसपोर्ट और प्राइवेट ऑफिस पर पड़ सकता है। लेकिन एंबुलेंस सहित इमरजेंसी सर्विसेज चालू रहेंगी। वहीँ बैंक, स्‍कूल, कॉलेज और पेट्रोल पंप चालू रहेंगे। इसके अलावा मेडिकल, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, ट्रेन और बिजली सेवाएं भी खुली रहेंगी।
गौर हो कि इस साल यह दूसरी बार भारत बंद का आह्वान किया गया है, इससे पहले फरवरी 2024 में किसान संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर 16 फरवरी बंद का ऐलान किया था। हालांकि, भारत के ज्यादातर हिस्सों पर इसका कोई असर दिखाई नहीं दिया , लेकिन किसानों के आंदोलन के कारण पंजाब और हरियाणा में लोगों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा था।

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