लोक कलाकारों ने संस्कृति विभाग के खिलाफ खोला मोर्चा
जीएसटी खत्म करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर आज संस्कृति निदेशालय में देंगे धरना

देहरादून: अधिकारियों की मनमानी से क्षुब्ध लोक कलाकारों ने संस्कृति निदेशालय के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बुधवार सुबह 11 बजे तमाम लोक कलाकारों ने कलाकारों से जीएसटी खत्म करने समेत विभिन्न मांगों को लेकर संस्कृति निदेशालय में धरना देने का फैसला किया है।
मंगलवार को प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में देवभूमि मां शारदे लोक कला समिति के अध्यक्ष और एक ग्रेड कलाकार गोपाल सिंह चम्याल ने कहा कि लोक कलाकारों को कार्यक्रम का समय से भुगतान नहीं किया जाता। उन्हें कई चक्कर संस्कृति निदेशालय के लगाने को मजबूर होना पड़ता है। लोक कलाकार नरेंद्र रौथाण ने कहा कि संस्कृति निदेशालय की निदेशक बीना भट्ट मनमानी पर उतारू हैं। लोक कलाकारों का शोषण किया जा रहा है। कई कलाकार ऐसे हैं, जिन्हें महीनों तक काम नहीं दिया जाता। उन्होंने बीना भट्ट को पद से बर्खास्त करने की मांग की।
लोकगायक सौरभ मैठाणी ने कहा कि उन्होंने कुछ साल पहले केदार घाटी में बच्चों को मांगल सिखाने के लिए कार्यशाला आयोजित की थी, लेकिन अब तक उन्हें भुगतान नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि लोक कलाकारों को मामूली मानदेय दिया जा रहा है, जिससे उसका गुजारा नहीं हो सकता। पत्रकार वार्ता में कई लोक कलाकार मौजूद थे।