प्यार-मोहब्बत और भाईचारे के लिए साहित्यिक आयोजन जरूरी: जस्टिस टंडन
-एआईसीओआई के तत्वावधान में पद्मश्री बेकल उत्साही की याद में हुआ काव्यांजलि और बज़्मे-सुख़न कार्यक्रम, प्रसिद्ध शायर और पूर्व राज्यसभा सदस्य पद्मश्री बेकल उत्साही को किया याद, कविता का मंच राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने का सशक्त माध्यम: डॉ. हिमांशु एरन

देहरादून: नैनीताल हाईकोर्ट लोक अदालत के अध्यक्ष जस्टिस राजेश टंडन ने कहा कि समाज में प्यार-मोहब्बत और भाईचारे को बढ़ाने के लिए साहित्यिक आयोजन बहुत जरूरी हैं।
जस्टिस टंडन ने ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ इंटेलेक्चुअल (एआईसीओआई) के तत्वावधान में प्रसिद्ध शायर, पूर्व सांसद पद्मश्री स्व. बेकल उत्साही की जयंती पर आयोजित काव्यांजलि और बज़्मे-सुख़न कार्यक्रम में अध्यक्षता करते हुए यह बात कही। शुक्रवार को रिंग रोड स्थित महाराजा क्लब में देर रात तक चले इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि शायर बेकल उत्साही ने राज्यसभा सदस्य रहते हुए कौमी एकता को बढ़ावा देने के लिए बहुतेरे कार्य किए। उनके गीत-ग़ज़लों में गंगा-जमुनी तहज़ीब बहती थी। मुख्य अतिथि रासबिहारी बोस सुभारती यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. डॉ. हिमांशु एरन ने कहा कि वह कौमी एकता के हिमायती हैं, इसलिए उनके महाविद्यालय और कैंपस के नाम भी देशभक्तों के नाम पर रखे गए हैं। उन्होंने कहा कि कविता का मंच राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने का सशक्त माध्यम है।
भारत रक्षा मंच की उत्तराखंड प्रमुख प्रकोष्ठ महिला प्रदेश अध्यक्ष रश्मि चौधरी ने देशभक्ति पूर्ण कविता सुनाकर राष्ट्रीय एकता का संदेश दिया। जम्मू-कश्मीर के सामाजिक कार्यकर्ता सैयद फ़रीद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का हर नागरिक राष्ट्रीय एकता का हिमायती है और पाकिस्तान का प्रबल विरोध करता है। एआईसीओआई के अध्यक्ष एडवोकेट प्रकाश निधि शर्मा ने कहा कि उनकी संस्था राष्ट्रीय एकता, अखंडता और भाईचारा बढ़ाने के लिए साहित्यिक आयोजन करती रही है।
राजकीय महाविद्यालय मसूरी में प्रोफेसर डॉ. प्रमोद भारती ने मरहूम शायर पद्मश्री बेकल उत्साही को लेकर अपने अनुभव साझा किए। इस अवसर पर अहमदाबाद विमान हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि भी दी गई। कार्यक्रम में इंजीनियर एसए अंसारी, दीपक अरोड़ा, सरस्वती रावत आदि मौजूद थे। इससे पहले प्रसिद्ध शायर एवं उर्दू अकादमी उत्तराखंड के पूर्व उपाध्यक्ष अफ़ज़ल मंगलौरी और कार्यक्रम की आयोजक शायरा मोनिका मंतशा ने अतिथियों का स्वागत किया।
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‘चला गया है मक़ीं बस मकान बाक़ी है’
राजधानी देहरादून में एआईसीओआई की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कवियों और शायरों ने अपने क़लाम से बटोरी तालियां
देहरादून: ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ इंटेलेक्चुअल (एआईसीओआई) की ओर से यहां रिंग रोड स्थित महाराजा क्लब में आयोजित काव्यांजलि और बज़्मे-सुख़न में कवियों और शायरों ने अपनी रचनाओं से समां बांध दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप जलाकर की गई। इसके बाद काव्य पाठ शुरू हुआ। प्रसिद्ध कवि उपायुक्त, राज्य कर उत्तराखंड कुमार विजय ‘द्रोणी’ ने अपनी ग़ज़ल ‘मैं दिल में अपने इक गांव लिए फिरता हूं। शहरों के सागर में टूटी नाव लिए फिरता हूं। ‘ से तालियां बटोरी। प्रसिद्ध कवयित्री अरूणा वशिष्ठ ने अपनी कविता ‘गांव से पलायन कर रहे हैं आज गांव रो रहा है, मुझे आवाजें आई रोने की सिसकने की, मैंने पास जाकर पूछा तुम क्यों रो रहे हो उसने कहा तुम मुझे अकेला क्यों छोड़ रहे हो’ से उत्तराखंड में हो रहे पलायन का दर्द बयां किया, जिसे काफी सराहा गया।
प्रसिद्ध शायर अफ़ज़ल मंगलौरी ने देशभक्ति से ओतप्रोत ग़ज़ल ‘मेहनत से और तरक्की से हिंदुस्तान को, सोने की चिड़िया फिर से बनाने का वक्त है’ से महफ़िल लूट ली। पत्रकार एवं शायर दर्द गढ़वाली ने अपने दो शेरों ‘क्या-क्या चीजें रख रक्खी थी बक्से में। बंद पड़ी थी यादें सारी बक्से में। पेड़ लगाओ पेड़ बचाओ कहता था। चलता था जो लेकर आरी बक्से में’ से श्रोताओं की दाद बटोरी। पत्रकार एवं शायर परमवीर कौशिक ने अपने क़लाम ‘मुस्लिम की हूं इज्जत यारो हिंदू का सम्मान हूं मैं, मेरे अंदर झांककर देखो गीता हूं कुरआन हूं मैं’ से राष्ट्रीय एकता का संदेश दिया।
कार्यक्रम का प्रभावी संचालन करते हुए प्रसिद्ध शायरा मोनिका मंतशा ने अपने दो शेर ‘इसी तरह से फ़क़त मुझमें जान बाक़ी है, किसी फ़क़ीर में जैसे जहान बाक़ी है। तिरे बग़ैर यूँ वीरान हो गई हूँ मैं, चला गया है मक़ीं बस मकान बाक़ी है।’ सुनाकर महफ़िल को ऊंचाइयों पर पहुंचाया। प्रसिद्ध शायर अस्लम खतौलवी ने अहमदाबाद विमान हादसे को अपने शेर में ‘ये बात सच है मुक़द्दर से ज़िद नहीं करते, हवाएं काट रही हैं उड़ान लौट चलें’ बयां कर तालियां बटोरी। गीतकार भूपेंद्र बसेड़ा ने अपनी कविता ‘कलियुग ने कैसे दिन और दिखाने हैं’ से समाज में निरंतर हो रहे पतन को व्यक्त कर श्रोताओं को सोचने को मजबूर कर दिया। प्रसिद्ध कवयित्री रश्मि चौधरी ने देशभक्ति रचना सुनाकर वाहवाही लूटी।