उत्तराखंडस्थानीय निकाय चुनाव

उत्तरकाशी में कांग्रेस का परचम लहराने की तैयारी

उत्तरकाशी: कांग्रेस ने आगामी निकाय चुनावों में उत्तराखंड में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए कमर कस ली है। शनिवार को उत्तरकाशी के गांधी वाचनालय में जिला और नगर कांग्रेस कमेटी की संयुक्त बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और उत्तरकाशी के प्रभारी
मुख्य अतिथि सूर्यकांत धस्माना ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड की जनता भारतीय जनता पार्टी के सात वर्षों के कुशासन से त्रस्त हो चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है। अनिल यादव जैसे विवादित व्यक्तियों को महत्वपूर्ण पदों पर सेवा विस्तार दिया जा रहा है, जबकि सुप्रीम कोर्ट और नैनीताल हाईकोर्ट के आदेशों का पालन करने से बचा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी अपने चरम पर है और भाजपा सरकार के संरक्षण में बड़े पैमाने पर भर्ती घोटाले हुए हैं। उन्होंने खनन का काम निजी कंपनियों को सौंपने और राज्य में शराब की दुकानों की बढ़ती संख्या पर भी सवाल उठाए।
चारधाम यात्रा में इस वर्ष अव्यवस्थाओं का बोलबाला रहा, जिसके चलते तीर्थ यात्रियों की संख्या में कमी आई। धस्माना ने यह भी कहा कि पिछले सात वर्षों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा, बलात्कार और हत्या के मामले बढ़े हैं। कई मामलों में भाजपा नेताओं की संलिप्तता के चलते अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई।
बैठक में नगर कांग्रेस अध्यक्ष कमल रावत ने भरोसा दिलाया कि पार्टी आगामी निकाय चुनावों में उत्तरकाशी नगर पालिका में अध्यक्ष और पार्षद पदों पर जीत दर्ज करेगी। उन्होंने बताया कि विभिन्न श्रेणियों के प्रत्याशियों का पैनल तैयार कर लिया गया है और आरक्षण घोषित होने के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।

जिला अध्यक्ष मनीष राणा ने कहा कि लोकसभा चुनावों के दौरान पार्टी छोड़ने वाले कार्यकर्ताओं का असर अब खत्म हो चुका है। असमंजस में पड़े कई पुराने कार्यकर्ता वापस कांग्रेस में लौट रहे हैं, जो निकाय चुनावों में पार्टी की जीत सुनिश्चित करेंगे।
बैठक में प्रदेश महामंत्री घनानंद नौटियाल, जगमोहन रावत, विजय सेमवाल,शिशपाल पोखरियाल, कविता जोगेला, राखी राणा, सविता राणा और अन्य कई वरिष्ठ नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहे।

धस्माना ने पार्टी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे चुनावों की तैयारियों में जुट जाएं और कांग्रेस का परचम फिर से लहराएं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि संकट काल में पार्टी के साथ खड़े रहने वालों का सम्मान किया जाएगा, जबकि पार्टी छोड़ने वालों को पछताना पड़ेगा।

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