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महिला अत्याचार के दोषियों को कड़ी सजा दी जाए: मोदी 

-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से फहराया तिरंगा, 98 मिनट लंबे भाषण में सेकुलर कोड, रिफॉर्म, महिला अत्याचार, करप्शन और मेडिकल एजुकेशन से लेकर नई शिक्षा नीति का किया जिक्र

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज फहराया। उन्होंने लाल किले से 11वीं बार तिरंगा फहराया और इसके बाद देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने 98 मिनट लंबे अपने भाषण में सेकुलर कोड, रिफॉर्म, महिला अत्याचार, करप्शन और मेडिकल एजुकेशन से लेकर नई शिक्षा नीति का भी जिक्र किया।

   अपने संबोधन में मोदी ने महिला सुरक्षा की बात की है। कहा कि “हमें गंभीरता से सोचना होगा। हमारी माताओं, बहनों, बेटियों के प्रति जो अत्याचार हो रहे हैं उसके प्रति जन सामान्य का आक्रोश है। इसे देश को, समाज को, हमारी राज्य सरकारों को गंभीरता से लेना होगा। महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जल्द से जल्द जांच हो। राक्षसी कृत्य करने वालों को जल्द से जल्द कड़ी सजा हो, ये समाज में विश्वास पैदा करने के लिए जरूरी है।  कहा कि सदियों से हमारे पास जो क्रिमिनल लॉ थे, उन्हें हम न्याय संहिता के रूप में लाए हैं। इसके मूल में ‘दंड नहीं, नागरिक को न्याय’ के भाव को हमने प्रबल बनाया है। मैं हर स्तर पर सरकार के प्रतिनिधियों और जन-प्रतिनिधियों से आग्रह करता हूं कि हमें मिशन मोड में जीवन जीने में आसानी के लिए कदम उठाने चाहिए।

   पीएम मोदी का कहना था कि अब हम चाहते हैं कि आत्मनिर्भर बनें। दुर्भाग्य से हमारे देश में आजादी के बाद लोगों को एक प्रकार के माई-बाप कल्चर से गुजरना पड़ा। सरकार से मांगते रहो, सरकार के सामने हाथ फैलाते रहो। हमने गवर्नेंस के इस मॉडल को बदला है। आज सरकार खुद लाभार्थियों के पास जाती है।

पीएम मोदी ने कहा कि वो दिन दूर नहीं है, जब भारत इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग का हब होगा। विश्व के बहुत सारे उद्योगपति भारत में निवेश करना चाहते हैं। मैं राज्य सरकारों से अपील करता हूं कि आप निवेशकों को आकर्षित करने के लिए स्पष्ट नीति निर्धारित करें, कानून-व्यवस्था के संबंध में उन्हें आश्वासन दीजिए। राज्यों के बीच निवेशकों को अपनी तरफ खींचने के लिए प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए। कहा कि करीब 10 करोड़ नई महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं और परिवार के फैसले लेने की प्रक्रिया का अभिन्न अंग बन गई हैं तथा व्यापक सामाजिक बदलाव लाने में योगदान दे रही हैं।

 

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