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बहन कर रही थी राखी लेकर इंतजार, भाई सीमा पर शहीद 

उत्तराखंड का एक और लाल हवलदार बसुदेव सिंह परोडा एक्सरसाइज क्लोजिंग के दौरान ब्लास्ट की चपेट में आने से शहीद 

देहरादून: गैरसैंण के सारकोट गांव के हवलदार बसुदेव सिंह परोडा लेह-लद्दाख में (जम्मू-कश्मीर) एक्सरसाइज क्लोजिंग के दौरान हुए ब्लास्ट में शेल्टर की चपेट में आने से शहीद हो गए हैं, जबकि दो जवान भी गंभीर रूप से घायल हो गए. 19 अगस्त ( रक्षाबंधन पर्व) के दिन उनका पार्थिव शरीर घर लगाया जाएगा, जहां पर पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. वहीं, घटना का पता चलने के बाद परिजनों में शोक की लहर है.

रक्षाबंधन के दिन बसुदेव सिंह परोडा का होगा अंतिम संस्कार:पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह ने बताया कि शहीद बसुदेव का अंतिम संस्कार सोमवार को उनके पैतृक घाट मोटूगाड में किया जाएगा. वहीं, उपजिला अधिकारी गैरसैंण संतोष पांडे ने बताया कि शहीद सैनिक की अंत्येष्टि पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ की जाएगी. शहीद के पार्थिव शरीर को लेकर लेफ्टिनेंट अवतार सिंह की सैन्य टीम सोमवार सुबह 8 बजे सारकोट पहुंचेगी.

बंगाल इंजीनियरिंग की 55 रेजिमेंट में तैनात थे बसुदेव सिंह:बता दें कि बसुदेव सिंह परोडा लद्दाख क्षेत्र के लेह में बंगाल इंजीनियरिंग की 55 रेजिमेंट में तैनात थे. बसुदेव सिंह ने जीआईसी मरोड़ा से इंटर की पढ़ाई की. चार भाईयों बहनों में बसुदेव सबसे छोटे थे और सबसे प्यारे भी थे. वह अप्रैल में छुट्टी काटकर घर से गए थे और दीपावली पर फिर घर आने की बात कही थी. बसुदेव के दो बड़े भाइयों में जगदीश और सतीश प्राइवेट नौकरी करते हैं और बहन बैसाखी देवी विवाहित हैं, जबकि पिता सेना से रिटायर हवलदार हैं.

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