उत्तराखंड में हल्की झड़पों के बीच 66.81 प्रतिशत वोट पड़े
देहरादून के केसरवाला क्षेत्र में मतदाताओं ने किया चुनाव बहिष्कार, तहसीलदार ने मनाया

देहरादून : उत्तराखंड निकाय चुनाव में गुरुवार को हल्की झड़पों के बीच कुल 66.81 फीसदी मतदान हुआ। हालांकि देहरादून के केसरवाला क्षेत्र में मतदाताओं द्वारा बहिष्कार करने की भी बात सामने आई, हालांकि बाद में डीएम के निर्देश पर मतदानस्थल पर पहुंचे तहसीलदार ने उन्हें मना लिया। डीएम सविनय बंसल ने बताया कि देहरादून जिले में चुनाव आमत और पर शांतिपूर्ण रहा। इस बीच, देर रात तक मतदान कर्मचारी मतपेटी जमा कराने के लिए दून पहुंचते रहे।
प्रदेश के पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में सुबह से ही बूथों पर लंबी कतारें लगनी शुरू हो गई थीं। देहरादून में मेयर पद के प्रत्याशी सौरभ थपलियाल ने मतदान के दौरान लाइन में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार किया और मतदान किया। पिछले कुछ चुनावों से राज्य में मतदान प्रतिशत लगातार बढ़ता आ रहा है। 2008 में 60 प्रतिशत, 2013 में 61 प्रतिशत, और 2018 में 69.79 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस बार निर्वाचन आयोग ने मतदान प्रतिशत को 70 से 75 प्रतिशत तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा था।
राज्य में नगर निगमों की संख्या अब 11 हो चुकी है। श्रीनगर, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ नगर निगमों में पहली बार चुनाव हुए। इससे पहले ये नगर पालिकाएं थीं। इन क्षेत्रों में भी मतदाताओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। चुनाव को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से कराने के लिए प्रदेशभर में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। 185 चेकिंग बैरियर स्थापित किए गए थे, जिनमें 117 बैरियरों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। शेष बैरियरों पर वीडियो कवरेज की जा रही थी।
प्रदेश में कुल 1,516 मतदान केंद्र और 3,394 मतदेय स्थल बनाए गए थे। इनमें से 592 संवेदनशील और 412 अतिसंवेदनशील घोषित किए गए थे। संवेदनशील और अतिसंवेदनशील केंद्रों पर विशेष निगरानी रखी गई। प्रदेश में कुल 18 हजार से ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे। इनमें 1,120 पुलिस बल, 24 कंपनी पीएसी, 4,352 होमगार्ड, 2,550 पीआरडी जवान और 300 वन कर्मचारी शामिल थी। इसके अलावा, 105 मोबाइल टीम और 109 क्यूआरटी (क्विक रेस्पांस टीम) तैनात की गई थी।
वोटर्स लिस्ट में गड़बड़झाला, कई के नाम गायब, हरिद्वार में पोलिंग बूथों पर हंगामा
देहरादून: निकाय चुनाव के लिए 100 नगर निकायों में मतदान की प्रक्रिया जारी है। दोपहर के समय में लोग बढ़-चढ़कर मतदान करने के लिए पोलिंग बूथों पर पहुंचे। प्रदेश भर में हजारों की संख्या में ऐसे लोग भी पोलिंग बूथ पर मतदान करने के लिए पहुंचे, लेकिन मतदाता सूची में उनका नाम ही दर्ज नहीं था। वो लोग सालों से चुनावों में मतदान करते रहे थे। हरिद्वार में मतदान के लिए मतदान केंद्रों पर पहुंचे हजारों लोगों के नाम वोटर लिस्ट में नहीं था, जिसके चलते लोगों ने बूथों पर हंगामा कर दिया. हरीश रावत के साथ ही काग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी का नाम भी वोटर लिस्ट से गायब था। इस मामले में कांग्रेस ने बीजेपी पर करारा हमला बोला। पूर्व सीएम हरीश रावत ने इस मामले में कहा कि अन्य चुनावों में उनका नाम अंकित होता है, जबकि निकाय चुनाव की वोटर लिस्ट से गायब हो गया है।
उधर, देहरादून में वार्ड नंबर 82 में आशीष नौटियाल ने शिकायत की कि परिवार के 5 लोगों का नाम लिस्ट में नहीं है। चुक्खु वाला मौहल्ला में संजय भंडारी और उनकी पत्नी का नाम लिस्ट में नहीं था। वार्ड नंबर 94 आर्य समाज मंदिर ( पंचायती भवन रिंग रोड)
अनामिका, 3 घंटों से लाइन में खड़े है नंबर नहीं आता, बुजुर्गों के लिए कोई सुविधा नहीं थी। मतदाताओं ने स्लो वोटिंग की शिकायत की। इसी तरह, वार्ड नंबर 59 सहस्त्रधारा रोड में भी काफी लोगों के लिस्ट में नाम नहीं गायब थे।
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उत्तराखंड निकाय चुनाव में प्रतिशत 02 बजे
देहरादून- 32.7
ऋषिकेश- 29.56
मसूरी-41.79
डोईवाला-34.54
विकासनगर-41.83
सेलाकुई-27.54
हरबर्टपुर-45.28
ओवरआल- 36.09