उत्तराखंडसेना

पांच सपूतों को नम आंखों से दी अंतिम विदाई

- उत्तराखंड में गम और गुस्से का माहौल - पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारों से गूंजा समूचा प्रदेश

देहरादून: उत्तराखंड में बुधवार को जम्मू कश्मीर के कठुआ हमले में शहीदों के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ किया गया। इसमें डोईवाला के 29 साल के विनोद सिंह भंडारी को उनके पैतृक आवास अठुरवाला से अंतिम विदाई दी गई। वहीं रुद्रप्रयाग में शहीद नायब सूबेदार आनंद सिंह की पत्नी ने उन्हें आखिरी बार सैल्यूट किया।

शहीद नायब सूबेदार आनंद सिंह की पत्नी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हुए कहा “मेरे पति ने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। मेरे दो छोटे बच्चे हैं, मैं उनके साथ अपना जीवन व्यतीत करूंगी। हमें उनके निधन के बारे में बताया गया। मुझे गर्व है, साथ ही दुख भी है। मैं अपने बच्चों के लिए जीऊंगी। मैं पीएम मोदी से आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध करती हूं।” शहीद की पत्नी की यह बातें सुनकर गांव भर का माहौल गमगीन हो गया। लोगों ने नम आंखों से उन्हें विदाई दी।

वीर सपूत विनोद भंडारी को पूर्णानंद घाट पर दी अंतिम विदाई
ऋषिकेश: कठुआ में हुए आतंकी हमले में उत्तराखंड के विनोद सिंह भंडारी भी शहीद हुए हैं। बुधवार को पूर्णानंद घाट ऋषिकेश पर उन्हें मुखाग्नि दी गई। गढ़वाल रायफल के जवान विनोद भंडारी तीन बहनों के इकलौते भाई थे। वह अपने पीछे 3 महीने की एक बेटी और 5 साल का बेटा छोड़ कर गए हैं। शहीद की अंतिम यात्रा उनके निवास से पूर्णन्द घाट के लिए निकाली गई। विनोद सिंह भंडारी के अंतिम दर्शन के लिए हजारों लोग उनके गांव पहुंचे थे।


थाती डागर में गूंजे देशभक्ति के नारे
कीर्तिनगर: कठुआ आतंकी हमले में बलिदान हुये राइफलमैन आदर्श नेगी के पार्थिव शरीर को लेकर सेना के जवान जब थाती डागर गांव पहुंचे तो चारों तरफ वीर सपूत आदर्श नेगी के नारें गूंज उठे। हजारों नम आंखों ने अपने लाडले आदर्श को आखिरी विदाई दी।
बुधवार की सुबह से ही हजारों की संख्या में कीर्तिनगर, श्रीनगर और आसपास के लोग बलिदानी राइफलमैन आदर्श नेगी के गांव थाती डागर पहुंच गये थे। पूरे कीर्तिनगर में शोक में बाजार बंद रहे। सेना के जवान पूरे राजकीय सम्मान के साथ जब आदर्श नेगी के पार्थिव शरीर को लेकर गांव पहुंचे तो गांव में हर कोई सन्न था।

कोटद्वार: राष्ट्र की आन-बान शान के लिए बलिदान देने वीर सपूतों का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया। हवलदार कमल सिंह रावत व राइफलमैन अनुज नेगी के पैतृक घाट पर राजकीय सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। शहीदों की अंतिम विदाई यात्रा में भारी जनसमूह उमड़ा। इस दौरान भारत माता के नारों के साथ पड़ोसी देश पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारों से समूचा रिखणीखाल क्षेत्र गुंजायमान हो उठा। कोटद्वार से दुगड्डा रतुवाघाव होते हुए राइफलमैन अनुज नेगी को मंदाल नदी के तट पर पैतृक घाट ट़ाडा महादेव में पिता भारत सिंह नेगी ने नम आंखों से मुखाग्नि दी। 25 वर्षीय अनुज नेगी 2018 में 22 गढ़वाल राइफल का हिस्सा बने। नवम्बर माह में उनकी शादी हुई थी। मई माह के अंत में गांव में छुट्टी पर आये हुये थे। अनुज अपने घर का इकलौता बेटा था. वह अपने पीछे मां सुमित्रा देवी, छोटी बहन, पिता भारत सिंह, पत्नी को छोड़ गये हैं। राइफलमैन अनुज नेगी को राजकीय सम्मान के साथ भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक जया बलोनी, पुलिस क्षेत्राधिकारी वैभव सैनी, रिखणीखाल रतुवाड़ाव के पूर्व सैनिकों ने पुष्पांजलि अर्पित की।

हवालदार कमल सिंह रावत को गांव के निकट मंदाल नदी के तट पैतृक घाट में चाचा कल्याण सिंह ने मुखाग्नि दी। हवलदार कमल सिंह रावत नौदानू गांव रतुवाढ़ाब निवासी थे। इस वर्ष नवीन सत्र में दोनों बिटिया को बेहतर शिक्षा के लिए कोटद्वार पदमपुर सुखरो में किराए में रह रहे थे। हवालदार कमल सिंह ने सोमवार को पत्नी व बेटियों से फोन पर बात की थी, जिसमें उन्होंने दीपावली पर छुट्टी आने की बात कही। 20 जून को गांव की प्रतिष्ठा पूजा समारोह में शामिल होकर कुछ दिन बाद ड्यूटी पर लौटे थे। 36 वर्षीय हवलदार शहीद कमल सिंह रावत अपने घर के इकलौते थे। वह अपने पीछे दो बेटी पत्नी मां दादी को रोता बिलखता अकेला छोड़ कर चले गये हैं।

  • कठुआ हमले में उत्तराखंड के रहने वाले 5 जवान शहीद हुए हैं। इसमें रुद्रप्रयाग के रहने वाले आनंद सिंह, कोटद्वार के रहने वाले कमल सिंह, आदर्श नेगी, विनोद सिंह और अनुज सिंह ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है। उत्तराखंड में बुधवार को सभी शहीदों का अंतिम संस्कार उनके-उनके पैतृक गांव में किया गया। इस दौरान उन्हें अंतिम विदाई देने वाले लोगों की भारी भीड़ लग गई। इससे पहले साल 2013 में भी राज्य के छह जवान शहीद हुए थे।

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