देशभक्ति गीतों से गूंजा संस्कृति विभाग का आडिटोरियम
-आकाशवाणी देहरादून ने स्वतंत्रता दिवस की 78वीं वर्षगांठ पर किया सांस्कृतिक कार्यक्रम, पद्मश्री बसंती बिष्ट और सितार वादक पंडित राबिन करमाकर को टॉप ग्रेड मिलने पर किया सम्मानित

देहरादून: आकाशवाणी देहरादून की ओर से स्वतंत्रता दिवस की 78वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में शनिवार को हरिद्वार बाईपास स्थित संस्कृति विभाग के आडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में देशभक्ति और गढ़वाली-जौनसारी लोकगीत और लोकनृत्य की धूम रही। इस मौके पर प्रसिद्ध लोकगायिक पद्मश्री बसंती बिष्ट और सितार वादक पंडित राबिन करमाकर को आकाशवाणी का टॉप ग्रेड मिलने पर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआती प्रस्तुति सरस्वती वंदना से हुई, जिसे आराध्या नेगी, आराध्या रावत, आराध्या चौहान और सान्वी नेगी ने दी। इसके बाद इन बच्चों ने देशभक्ति गीत की भी दमदार प्रस्तुति दी। इसके बाद आकाशवाणी कलाकार योगंबर पोली और साथियों ने देशभक्ति, लोकगीत और लोकनृत्य की शानदार प्रस्तुति से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद राहुल वर्मा और साथियों ने महासू देवता की आराधना से अपनी प्रस्तुति की शुरुआत की। तत्पश्चात जंगू, झौड़े और हारूल के गीत-नृत्य प्रस्तुत कर आडिटोरियम को जौनसारी रंग में रंग दिया।
आकाशवाणी कलाकार सनव्वर अली ने पहले देशभक्ति गीत गाया और उसके बाद जब खुसरो की ग़ज़ल ‘छाप तिलक सब छीनी रे मोसे नैना मिलाइके’ छेड़ी, तो सब श्रोता भी उनके सुर में सुर मिलाकर गाने लगे। सनव्वर के साथ तबले पर उनके बेटे शाहरुख खान ने संगत की।
इससे पहले आकाशवाणी एवं दूरदर्शन केन्द्र देहरादून के क्लस्टर प्रमुख अशोक कुमार, कार्यक्रम प्रमुख शिवराम सिंह रावत, कार्यक्रम अधिशासी राकेश ढ़ोंढ़ियाल और उत्तराखंड संस्कृति, साहित्य एवं कला परिषद की उपाध्यक्ष मधु भट्ट ने सरस्वती मां की प्रतिमा पर दीप जलाकर कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की।
आकाशवाणी के वरिष्ठ उदघोषक विनय ध्यानी ने कार्यक्रम का सीधा हुआ संचालन किया, जबकि सहायक निदेशक अनिल भारती ने आभार व्यक्त किया। इस मौके पर आकाशवाणी देहरादून के पूर्व निदेशक विभूतिभूषण भट्ट, पीआईबी अधिकारी अनिल दत्त शर्मा, साहित्यकार मुकेश नौटियाल, गीता खन्ना, डॉली डबराल, प्रेम पंचोली, दर्द गढ़वाली आदि मौजूद थे।