
हरिद्वार: विश्व हिंदी दिवस पर हिंदी को राष्ट्रभाषा और संयुक्त राष्ट्र संघ की भाषा बनाये जाने के लिए 10 जनवरी को यहां ऋषिकुल आयुर्वेदिक कॉलेज सभागार अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें देश-विदेश के अनेक साहित्यकार, शिक्षाविद एवं हिंदी विद्वान भाग लेंगे। सम्मेलन का उदघाटन भारत के पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक जी करेंगे।
सम्मेलन के पश्चात ऋषिकुल से हर की पैड़ी तक संकल्प यात्रा आयोजित की जाएगी। गंगा आरती के बाद हर की पैड़ी पर हिंदी को राष्ट्रभाषा और संयुक्त राष्ट्र संघ की भाषा बनाई जाने हेतु संकल्प लिया जाएगा। सम्मेलन के दूसरे दिन के कार्यक्रम हिमालयीय विश्वविद्यालय, जीवनवाला, देहरादून और लेखक गांव, थानो (देहरादून) में आयोजित किए जाएंगे।
विश्व भर में करोड़ों लोग बोलते हैं हिंदी
हिंदी भाषा की बात करें तो आज भी हिंदी पूरी दुनिया में बोली जाने वाली पांच भाषाओं में से एक है। विश्व भर के करोड़ों लोग आज हिंदी बोलते हैं। दक्षिण प्रशांत महासागर के मेलानेशिया में फिजी नाम का एक द्वीप है, जहां पर हिंदी को आधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्त है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार, हिंदी विश्व की 10 शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। साल 2017 में ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी बच्चा, बड़ा दिन, अच्छा, सूर्य नमस्कार जैसे शब्द जोड़े गए हैं। इसी के ये साबित होता है कि हिंदी भाषा अब विदेशों में भी लोकप्रिय हो रही है। विदेश में रहने वाले लोगों को भी अब हिंदी का महत्व पता लग रहा है।
पहला हिंदी दिवस का आयोजन 1974 में महाराष्ट्र में हुआ था
अब बात करते है हिंदी दिवस के इतिहास की, तो विश्व में पहला हिंदी दिवस 10 जनवरी 1974 को महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित किया गया था। इस महासम्मेलन में 30 देशों के 122 प्रतिनिधि शामिल हुए थे। इस सम्मेलन का प्रमुख उद्देश्य विश्व-भर में हिंदी का प्रसार करना था। नागपुर में हिंदी दिवस के आयोजन के बाद सबसे पहले यूरोपीय देश नार्वे के भारतीय दूतावास ने पहली बार विश्व हिंदी दिवस मनाया था।