भैरव सेना ने पर्यटन विभाग की बुद्धि-शुद्धि को किया हवन
-धार्मिक स्थलों को तीर्थाटन के बजाय पर्यटन स्थल बनाने का किया विरोध, सीएम और प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजा ज्ञापन

देहरादून : भैरव सेना संगठन से संबंधित दर्जनों कार्यकर्ताओं ने तीर्थस्थलों को तीर्थाटन की बजाय पर्यटन में परिवर्तित कर कुछ खास लोगों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया। साथ ही पर्यटन विभाग की बुद्धि-शुद्धि के लिए हवन किया। इस संबंध में जिलाधिकारी के प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित तहसीलदार सदर के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रधानमंत्री कार्यालय को ज्ञापन भेजा गया।
संगठन के गढ़वाल संभाग सचिव गणेश जोशी के नेतृत्व में भैरव सेना के तमाम कार्यकर्ता गांधी पार्क के बाहर एकत्र हुए और नारेबाजी की। भैरव सेना के केंद्रीय अध्यक्ष संदीप खत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में सैकड़ों मोक्षधाम तथा शक्तिपीठ-सिद्धपीठ विद्यमान है। तीर्थ क्षेत्र के हकहुकूक धारी और डंडी-कंडी वाले तीर्थयात्रियों की सेवा सत्कार कर छह माह के लिए कुछ कमाई कर लेते थे, लेकिन हेली सेवा और अब थार ने उनके हितों पर कुठाराघात किया है, जिससे उनके समक्ष जीवन यापन की समस्या पैदा हो गई है। आरोप लगाया कि गांव माणा में सरस्वती नदी के उदगम स्थल पर बनन सरस्वती मंदिर में महाराष्ट्र के एक धन्ना सेठ ने अपने मृतक भाई-बहन और लता मंगेशकर के अलावा कुछ संतों की मूर्तियां लगा दी हैं, जबकि सनातन धर्म की दृष्टि से यह सही नहीं है। इसी तरह कुछ और जगह भी ऐसा किया गया है, जो उचित नहीं है। भैरव सेना ने ऐसी गतिविधियों को रोकने की मांग की।बुद्धि शुद्धि यज्ञ तथा ज्ञापन प्रक्रिया में संगठन के प्राण प्रभारी अनिल थपलियाल, केंद्रीय सचिव संजय पंवार, चतुरानंद मलेथा, गीता बिष्ट, कमलेश, अनु राजपूत, हिमांशु भट्ट, करण शर्मा, राजकुमार, अमन, अजीत बिष्ट सहित दर्जनों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।