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राज्य की अनुमानित आय तय करने को दिए टिप्स 

- राज्यों के अर्थ एवं संख्या निदेशालय के अधिकारियों / कार्मिकों की कार्यशाला का समापन, राज्यों की सांख्यिकीय एजेन्सियों की क्षमता बढ़ाने पर दिया गया जोर

देहरादून: राज्यों की अनुमानित आय और व्यय पर आयोजित कार्यशाला के अंतिम दिन राज्यों की सांख्यिकीय एजेन्सियों की क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया गया। कहा गया कि वर्तमान एवं स्थिर मूल्यों पर राज्य के राज्य घरेलू उत्पाद का अनुमान तैयार किया जाता है। केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन के दिशा-निर्देशों के अनुसार सकल राज्य घरेलू उत्पाद, शुद्ध राज्य घरेलू उत्पाद और प्रति व्यक्ति आय अनुमान तैयार किये जाते हैं।

  इन अनुमानों पर हर वर्ष केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन, नई दिल्ली में चर्चा की जाती है तथा तदनुसार इन्हें संशोधित किया जाता है। राज्य घरेलू उत्पाद के अनुमान तैयार करने में प्रयुक्त दरों और अनुपातों को अद्यतन करने के लिए समय-समय पर विभिन्न अध्ययन/सर्वेक्षण किए जाते हैं।

राष्ट्रीय लेखा प्रभाग की उपमहानिदेशक डा.  शुभ्रा सरकार ने प्रतिभागी राज्यों के अर्थ एवं संख्या निदेशालय के अधिकारियों / कार्मिकों को राज्य आय अनुमान न सिर्फ उत्पादन पक्ष की ओर से तैयार करने साथ ही व्यय पक्ष की ओर से भी तैयार करने के प्रयास करने का अनुरोध किया। उन्होंने अवगत कराया कि शीघ्र ही नवीन आधार वर्ष घोषित किया जायेगा तथा उक्त के आधार पर राज्य आय अनुमानों की नवीन श्रृंखला जारी की जाएगी। डा. पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि राज्यों द्वारा एसएसएस परियोजना के अन्तर्गत कराये गये विभिन्न सर्वेक्षणों से प्राप्त अनुमानों को ससमय राष्ट्रीय लेखा प्रभाग को उपलब्ध कराये जाये ताकि उनका परिनिरीक्षण कर नवीन आधार वर्ष के अनुमानों मे सम्मल्लित किया जा सके।

  कार्यशाला में विभिन्न विषयों उदाहरणतः क्षेत्रीय अनुमान, वित्तीय संस्थानों, गैर वाणिज्य निगम, बजट विश्लेषण, स्थानीय निकायों, कृषि खन्न एवं वानिकी, विनिर्माण आदि आंकड़ों के आधार पर राज्य आय अनुमान तैयार करने पर विस्तृत चर्चा की गयी। कार्यशाला में जीएसटी आंकड़ों के प्रयोग पर भी गहन चर्चा की गयी। व्यय पक्ष की ओर से तैयार पीएफसीई, जीएफसीएफ, जीएफसीई आदि विषयों पर भी विस्तृत चर्चा की गयी।

 इस मौके पर पंकज नैथानी, अपर निदेशक, अर्थ एवं संख्या निदेशालय, उत्तराखण्ड ने सुशील कुमार, निदेशक-उत्तराखण्ड को धन्यवाद ज्ञापित कर समापन सत्र में उपस्थित राष्ट्रीय लेखा प्रभा भारत सरकार से आये विशेषज्ञों, समस्त प्रशिक्षकों तथा राजीव रंजन (निदेशक-झारखण्ड), अजीत बरूआ (निदेशक-असम), चरनजीत सिहं (प्रभारी निदेशक-पंजाब) और आठ राज्यों तमिलनाडु, हरियाणा, मध्यप्रदेश, असम, पंजाब, मिजोरम, उत्तराखण्ड तथा केन्द्र शासित लद्दाख से प्रतिभाग करने वाले अधिकारियों / कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर अर्थ एवं संख्या निदेशालय उत्तराखंड के संयुक्त निदेशक डा. दिनेश चन्द्र बडोनी,   उप निदेशक मनीष राणा तथा अर्थ एवं संख्याधिकारी अतुल आनंद मौजूद थे।

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