कवयित्री अर्चना झा सरित् की दो पुस्तकों का हुआ लोकार्पण

देहरादून : कवयित्री अर्चना झा ‘सरित्’ की दो पुस्तकों, सत्यार्चन (काव्य संग्रह) तथा सरित् शरण्या (गीत संग्रह) का रविवार को देहरादून के पेसिफिक हिल्स कम्युनिटी हॉल किया गया। लोकार्पण कार्यक्रम की अध्यक्षता नवगीतकार डॉ. बुद्धिनाथ मिश्र ने की। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पद्मश्री डॉ. भूपेंद्र कुमार सिंह ‘संजय’ तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार असीम शुक्ल, प्रोफेसर राम विनय सिंह, डॉ. मुनीराम सकलानी ‘मुनीन्द्र’ ने गरिमा प्रदान किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ. शिवमोहन सिंह गीतकार ने किया।
अतिथिगण द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के पश्चात सुश्री शोभा पाराशर ने मधुर स्वर में सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। परंपरा अनुसार आयोजक श्री सुशील कुमार झा तथा डॉ. अंशुमन झा द्वारा मंचासीन अतिथिगण का अंग वस्त्र स्मृति चिन्ह तथा पुष्प माला द्वारा स्वागत सत्कार किया गया। कवयित्री अनीता सोनी ने अर्चना झा की रचना को सस्वर प्रस्तुत कर प्रशंसा प्राप्त की।
अपने उद्बोधन में डॉ. बुद्धिनाथ मिश्र जी ने कहा कि अर्चना ने साहित्य साधना से दो पुस्तकों का सृजन किया है, जो निश्चित रूप से साहित्य और समाज के लिए एक महत्वपूर्ण कार्य है। मुख्य अतिथि डॉ. संजय ने कहा कि ‘सरित शरण्या’ तथा ‘सत्यार्चन ‘ समाज के लिए उपयोगी सिद्ध होंगे। असीम शुक्ल ने कहा कि अर्चना झा की साधना प्रतिफलित हुई है। प्रो. राम विनय सिंह ने कहा कि अर्चना झा ने छांदस कविताओं का सृजन कर काव्य परंपरा को पुनर्जीवित करने तथा दिशा प्रदान करने में एक महत्वपूर्ण कार्य किया है। डॉ. मुनीराम सकलानी मुनीन्द्र ने कहा की अर्चना झा की रचनाएं सरल सुबोध एवं दिशा प्रदान करने वाली है। डॉ. शिवमोहन सिंह ने कहा कि अर्चना झा सरित् द्वारा रचित दोनों पुस्तकों में जीवन की विभिन्न पहलुओं को बड़े सरल और रोचक ढंग से अभिव्यक्ति प्रदान की गई है। पुस्तकें निश्चित रूप से पठनीय एवं संग्रहणीय हैं ।
कार्यक्रम में डॉ. बसंती मठपाल, डॉ. उषा झा रेणु, डॉ. एसके झा, करुणा अथैया, ज्योति झा, अनीता सोनी, डॉली डबराल, अनीता गुप्ता, सुनीता सिंघानिया, निर्मला सिंह, यशपाल सिंह राजपूत, अशोक कुमार गुप्ता, बीपी अस्थाना, प्रियरंजन आदि मौजूद थे।