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यूसीसी विधेयक उत्तराखंड विधानसभा में पारित

यूसीसी लागू करने वाला पहला राज्य बना उत्तराखंड, समर्थकों ने मनाया जश्न

देहरादून: समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक बुधवार को विधानसभा में पारित कर दिया गया। विधेयक पर दो दिनों तक लंबी चर्चा हुई। सत्ता और विपक्ष के सदस्यों ने विधेयक के प्रावधानों को लेकर अपने-अपने सुझाव दिए। उत्तराखंड विधानसभा आजाद भारत के इतिहास में समान नागरिक संहिता का विधेयक पारित करने वाली पहली विधानसभा बन गई है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने छह फरवरी को समान नागरिक संहिता विधेयक उत्तराखंड 2024 विधानसभा में पेश किया था। सदन में विधेयक पर चर्चा के बाद सदन ने इसे बुधवार को पास कर दिया। अब अन्य सभी विधिक प्रक्रिया और औपचारिकताएं पूरी करने के बाद यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनेगा। इस विधेयक में सभी धर्म-समुदायों में विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता और विरासत के लिए एक कानून का प्रावधान है।

महिला-पुरुषों को समान अधिकारों की सिफारिश की गई है।अनुसूचित जनजातियों को इस कानून की परिधि से बाहर रखा गया है। सीएम धामी ने जनता से किए गए वायदे के अनुसार पहली कैबिनेट बैठक में ही यूसीसी का ड्रॉफ्ट तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति गठित करने का फैसला किया था। सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी।समिति ने व्यापक जन संवाद और हर पहलू का गहन अध्ययन करने के बाद यूसीसी के ड्रॉफ्ट को अंतिम रूप दिया है। इसके लिए प्रदेश भर में 43 जनसंवाद कार्यक्रम और 72 बैठकों के साथ ही प्रवासी उत्तराखण्डियों से भी समिति ने संवाद किया।

उत्तराखंड विधानसभा से समान नागरिक संहिता कानून पारित होने के बाद विधानसभा के गेट पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का पुष्पवर्षा के साथ स्वागत किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों ने आतिशबाजी कर अपनी खुशियों का इजहार भी किया।

विधायकों ने मनाया जश्न

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा पेश समान नागरिक संहिता 2024 विधेयक आज सदन में पारित होने पर उत्तराखंड विधानसभा के विधायकों ने जश्न मनाया और मिठाइयां बांटीं।

 

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