लेखा संवर्ग नियमावली संशोधन को मिली मंजूरी
अब अपने विभागों तक सीमित नहीं रहेंगे अकाउंटेंट, वित्त विभाग के अधीन आए, पदोन्नति के भी मिलेंगे अवसर

देहरादून: उत्तराखंड के विभिन्न विभागों में अकाउंटेंट के तौर पर काम कर रहे लेखा संवर्ग के कर्मी अब विभागों तक ही सीमित नहीं रहेंगे। लेखा संवर्ग सेवा की नियमावली में संशोधन के बाद इन्हें वित्त विभाग के अधीन लाया गया है। कैबिनेट में इस संशोधित नियमावली को हरी झंडी मिलने के बाद शासन से इस पर आदेश जारी कर दिए गए हैं।
प्रदेश में विभाग स्तर पर अकाउंटेंट के रूप में काम करने वाले लेखा कर्मी अब अपने विभाग तक ही सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि विभागों के अकाउंटेंट को दूसरे विभागों में भी काम करने का मौका मिल पाएगा। धामी सरकार ने हाल ही में उत्तराखंड राजकीय विभाग अधीनस्थ लेखा संवर्ग (अराजपत्रित) सेवा (संशोधन) नियमावली 2025 को कैबिनेट में मंजूरी दी है। इसके बाद शासन स्तर पर इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। राज्य में संशोधित नियमावली के चलते विभिन्न विभागों के अकाउंटेंट अब वित्त विभाग के अधीन आ जाएंगे। यह स्पष्ट किया गया है कि सभी राजकीय विभागों में कार्यरत सहायक लेखाकार और लेखाकार के नियुक्ति प्राधिकारी निदेशक विभागीय लेखा होंगे। विभागों के अकाउंटेंट को लेकर नियमावली में संशोधन के बाद इन कर्मियों पर कई तरह का असर देखने को मिलेगा।
सबसे पहले तो राजकीय विभागों के अकाउंटेंट अब किसी भी विभाग में ट्रांसफर किए जा सकेंगे, यानी इन कर्मियों का अंतर विभागीय ट्रांसफर हो सकेगा। इन कर्मियों का पूरा लेखा-जोखा अब वित्त विभाग में होगा। इसी के अधीन इन कर्मियों की सेवाएं होंगी। इस नए बदलाव के बाद अधीनस्थ लेखा संवर्ग को फायदा भी होने जा रहा है। जिन विभागों में पदोन्नति के रिक्त पद आहर्ता पूरी ना हो पाने के कारण भरे नहीं जा सके हैं वहां पर सीनियरिटी के आधार पर प्रमोशन की संभावनाएं बढ़ेंगी। इसके अलावा विभिन्न विभागों में अकाउंटेंट्स को लेकर विसंगतियां भी खत्म होंगी। सीनियरिटी मानक तय हो सकेगा। विभिन्न विभागों में तैनात इन कर्मियों की एक सीनियारिटी लिस्ट भी तैयार की जाएगी।
पिछले काफी समय से राज्य में विभागीय अकाउंटेंट को एक ही चेन में लाए जाने का प्रयास किया जा रहा था। इसके लिए काफी समय तक होमवर्क भी किया गया। इसके बाद अपर सचिव ललित मोहन रयाल ने कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद इससे संबंधित अधिसूचना जारी की है।