
उत्तरकाशी: पुलिस ने 24 जुलाई को हुए ब्लाइंड मर्डर केस का पर्दाफाश करते हुए दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
जिले की मोरी निवासी प्यारी देवी ने थाना मोरी में एक लिखित तहरीर दी, जिसमें उन्होंने बताया कि उनके पति गिरवीर सिंह बीती 24 जुलाई को अपने खेतों की देखभाल के लिए पोल्हाडी नामक तोक गए हुए थे, उसी दौरान सुधीर चड्ढा एंड कंपनी के कर्मचारियों की ओर से उनके पति के साथ मारपीट कर हत्या कर दी गई। साथ ही मृत शरीर को पास में केदार गंगा नदी फेंक दिया गया, जिनका शव उनके द्वारा 25 जुलाई को गदेरे से बरामद किया गया। तहरीर के अधार पर पुलिस द्वारा उक्त मामले में थाना मोरी पर सुधीर चड्ढा एंड कंपनी के अज्ञात कर्मचारियों के खिलाफ संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए उत्तरकाशी पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी की ओर से पुलिस अधिकारियों को कड़ें दिशा निर्देश देते हुए हत्या के अनावरण व अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग पुलिस टीमें गठित की गयी। अभियोग की विवेचना थानाध्यक्ष पुरोला मोहन सिंह कठैत के सुपुर्द की गयी।
पुलिस उपाधीक्षक प्रशांत कुमार के निकट पर्यवेक्षण और थानाध्यक्ष पुरोला मोहन सिंह कठैत, थानाध्यक्ष बड़कोट दीपक कठैत के नेतृत्व में पुलिस व एसओजी की टीम द्वारा उक्त प्रकरण में गहन पतारसी-सुरागरसी करते हुए फोन कॉल, लोकेशन की मदद से साक्ष्य एकत्र कर ब्लाइंड मर्डर केस का खुलासा किया गया। हत्या की घटना को अंजाम देने वाले नेपाली मूल के 2 अभियुक्तों वीर बहादुर व प्रेम बहादुर को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया है।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया गया कि मृतक गिरवीर 24 जुलाई को खरसाडी के पोल्हाडी तोक स्थित उनके डेरे में गलत नियत से जबरन घुस गया था, जिससे उनके बीच मारपीट हो गयी। मारपीट के दौरान गिरवीर डेरे से भाग गया, करीब 200 मीटर भागने के बाद वीर बहादुर व प्रेम बहादुर ने उसे खरसाडी पुल के पास पकड़ लिया और उसके सिर पर चीड़ की फाड़ी हुई लकड़ी से वार कर दिया। जिससे वह बेहोश होकर नीचे गिर गया था। दोनों हत्यारोपियों को लगा कि अगर यह जिंदा बच गया तो गांव वालों को बता देगा इसलिए उन्होंने बेहोश व्यक्ति को पुल से नीचे केदार गंगा में फेंक दिया गया। सबूत मिटाने के लिए उनके द्वारा बेहोश व्यक्ति के शरीर से कपड़े उतारकर, मोबाइल और जिस लकड़ी से मारा था, को केदारगंगा में फेक दिया गया। आरोपियों के निशानदेही पर पुलिस द्वारा मृतक गिरवीर सिंह द्वारा घटना के दौरान पहनी कपड़े बरामद किए गए है। साक्ष्य व बयानों के आधार पर उक्त मामले में धारा 238 बीएनएस व धारा 23 बीएसए की बढ़ोतरी की गयी है। मामले में पुलिस की ओर से कार्रवाई का जा रही है। पुलिस आरोपियों का आपराधिक इतिहास की जानकारी खंगाल रही है।