उत्तराखंडजंगल की आग

विकराल हो रही जंगल की आग, मंदिर राख

देहरादून: उत्तराखंड के जंगलों में आग का कहर डरा रहा है।  सीएम धामी और विभागीय अफसरों की सख्ती के बावजूद आग है कि बुझती ही नहीं , अब बागेश्वर के शामा तहसील के लाथी गांव में वनाग्नि से क्षेत्र का सबसे पुराना बंजैंण मंदिर जलकर राख हो गया है। इस घटना में मंदिर में रखे सारे बर्तन जलकर राख हो गए हैं। इसके अलावा करीब सात तोला सोना और चांदी भी आग की भेंट चढ़ गया है। ग्रामीणों बताया कि इस अग्निकांड में 12 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। प्रशासन से इसकी भरपाई की मांग की है।क्षेत्र पंचायत सदस्य कुंजर सिंह कोरंगा ने बताया कि गुरुवार की रात करीब एक बजे जंगल की आग से लाथी का बंजैंण मंदिर में आग लग गई। रात होने के कारण लोगों को देर से पता चला, जब तक वह मंदिर में आग बुझाने के लिए पहुंचे तब तक मंदिर जलकर राख हो गया। इस हादसे में मंदिर में रखे खाने बनाने के बर्तन, पूजा, आरती के वक्त उपयोग होने वाले भोकर, तुतरी आदि जल गए हैं। मंदिर के पास बना धर्मशाला भी पूरी तरह जल गया है।

यही नहीं इस आग में सात तोला सोना और चांदी भी आग की भेंट चढ़ गया है। उन्होंने बताया कि यह मंदिर क्षेत्र का सबसे पुराना मंदिर है। भनार बंजैंण मंदिर में पूजा करने से पहले यहां पूजा होती थी। उसके बाद ही लोग भनार जाते हैं। यह मंदिर हमारे पूर्वजों के जमाने का मंदिर है।मंदिर कमेटी के पुजारी नेत्र सिंह कोरंगा ने बताया कि यहां हर साल गर्मियों में लोग पूजा आदि करने आते हैं। इस कारण यहां लाखों के बर्तन व पूजा में काम आने वाले वर्तन रखे थे। आग ने सब नष्ट कर दिया है। लक्ष्मण सिंह कोरंगा, धर्म सिंह, आशा देवी, धर्मा देवी, सरस्वती देवी आदि ने प्रशासन से घटना की जांच करने तथा नुकसान की भरपाई की मांग की है।जहां मंदिर है वह ग्रामीण की नाम भूमि है। उसके बाद वन पंचायत की भूमि आती है। उसके बाद वन विभाग का जंगल है। आग कहां से लगी है इसकी जांच की जाएगी। जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।

 

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