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चारधाम यात्रा को लेकर तैयारियां परखी, दिखी तालमेल की कमी

- दैवीय आपदा से निपटने को हरिद्वार में हुई मॉक ड्रिल, बचाव टीम ने गलत दिशा में दौड़ा दी एंबुलेंस, गंगा में श्रद्धालुओं के डूबने की खबर प्रसारित होने पर बचाव कार्य किया शुरू

देहरादून/हरिद्वार: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2025 शुरू होने में महज 6 दिन बचे हैं। ऐसे में तमाम व्यवस्थाएं मुकम्मल की जा रही हैं। जहां एक ओर यात्रा को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में हैं, तो वहीं यात्रा से पहले किसी भी दैवीय आपदा से निपटने के लिए पूरे प्रदेश में मॉक ड्रिल की गई और तैयारियों को परखा गया। हरिद्वार में भी मॉक ड्रिल की गई, लेकिन आपसी तालमेल में कमी देखी गई।

बता दें कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) के तत्वाधान में गुरुवार को चारधाम यात्रा को लेकर मॉक ड्रिल आयोजित गई। मॉक ड्रिल के तहत हरिद्वार में हरकी पैड़ी के पास गंगा में डूबने और भगदड़ में कुछ श्रद्धालुओं के घायल होने की सूचना प्रसारित की गई, जिसमें एनडीआरएफ और जल पुलिस के जवानों ने मोर्चा संभाला।

एनडीआरएफ और जल पुलिस के जवानों के अलावा एनसीसी के कैडेट और ऋषिकुल आयुर्वेदिक के बीएमएस के छात्रों ने त्वरित कार्रवाई कर कई श्रद्धालुओं की जान बचाई, लेकिन इस मॉक ड्रिल में स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस टीम में तालमेल की कमी देखने को मिली। आलम ये रहा कि जल्दबाजी में गलत घाट की ओर गाड़ी यानी एबुंलेंस दौड़ा दी।
गनीमत रही कि ये केवल मॉक ड्रिल थी, जिस कारण समय की कोई कमी नहीं थी, लेकिन मॉक ड्रिल की जगह कोई वास्तविक घटना होती तो कई लोगों की सांसत में आ सकती थी। जब इस घटना पर नोडल अधिकारी एवं एसडीम भगवानपुर जितेंद्र कुमार से सवाल किया गया तो उनका कहना था कि ये मात्र एक मॉक ड्रिल थी, जिसका असेसमेंट किया जाएगा।
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आज चारधाम यात्रा के मद्देनजर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया था। मॉक ड्रिल का आयोजन हर साल किया जाता है, जिससे हमारी टीमों की एक्सरसाइज होती है। आपदा के समय में किस तरह से कार्य करना है, ये सीखने को मिलता है, जो कुछ भी कमियां रही हैं, उन्हें सुधारने के लिए आगे दिशा निर्देश दिए जाएंगे।
– जितेंद्र कुमार, नोडल अधिकारी/एसडीएम, भगवानपुर

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