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समिति ने समान नागरिक संहिता की नियमावली सीएम को सौंपी

देहरादून: शुक्रवार को सचिवालय में समान नागरिक संहिता के सम्बंध में गठित की गई कमेटी ने नियमावली का ड्राफ्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दिया। यह प्रत्येक उत्तराखण्डवासी के लिए गौरव का क्षण है कि हमारा प्रदेश समान नागरिक संहिता लागू करने वाला पहला राज्य बनने जा रहा है।

विशेषज्ञ समिति द्वारा बनाई गई नियमावली में विवाह एवं विवाह-विच्छेद, लिव इन रिलेशनशिप, जन्म-मृत्यु पंजीकरण तथा उत्तराधिकार संबंधी नियमों के पंजीकरण संबंधी प्रक्रियाएं उल्लेखित हैं। जन सामान्य की सुलभता के दृष्टिगत इस हेतु एक पोर्टल एवं मोबाइल एप भी तैयार किया गया है। यूसीसी भी नागरिकों को एक समान कानूनी अधिकार प्रदान करेगा। इसके लागू होने से हमारी मातृशक्ति सामाजिक व आर्थिक रूप से और अधिक सशक्त बनेंगी।

 

विशेषज्ञ समिति द्वारा तैयार किये गये ड्राफ्ट को दिनांक 7 फरवरी को राज्य विधान सभा में पारित किया गया।

उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता विधेयक 2024 पर राष्ट्रपति की सहमति उपरान्त 12 मार्च को समान नागरिक संहिता उत्तराखण्ड, 2024 अधिनियम पारित हुआ।उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता विधेयक 2024 के नियमावली एवं क्रियान्वयन बनाये जाने की आवश्यकता के दृष्टिगत शत्रुघ्न सिंह, सेवानिवृत्त आईएएस की अध्यक्षता में नियमावली एवं क्रियान्वयन समिति गठित की गई है।

राज्य सरकार द्वारा समान नागरिक संहिता अधिनियम को राज्य में प्रभावी रूप से लागू किया जाना प्रस्तावित है।

नियमावली एवं क्रियान्वयन समिति द्वारा नियमावली हिन्दी एवं अंग्रेजी दोनों संस्करणों में 18 अक्टूबर को राज्य सरकार को हस्तगत की जा रही है। इस नियमावली में मुख्य रूप से चार भाग है, जिसमें विवाह एवं विवाह-विच्छेद लिव-इन-रिलेशनशिप, जन्म एवं मृत्य पंजीकरण तथा उत्तराधिकार सम्बन्धी नियमों के पंजीकरण सम्बन्धी प्रक्रियाएं उल्लिखित है।

जन सामान्य की सुलभता के दृष्टिगत इस हेतु एक पोर्टल तथा मोबाइल एप भी तैयार किया गया है, जिससे कि पंजीकरण, अपील आदि की समस्त सुविधाएं जन सामान्य को ऑनलाईन माध्यम से सुलभ हो सके।

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