#uttarakhand newsउत्तराखंडचारधाम यात्रा

भगवान मध्यमहेश्वर के कपाट खोलने की प्रक्रिया शुरू 

रुद्रप्रयाग: पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विश्व विख्यात व बूढा़ मध्यमहेश्वर की तलहटी में सुरम्य मखमली बुग्यालों के मध्य विराजमान भगवान मध्यमहेश्वर के कपाट खोलने की प्रक्रिया शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में विधिवत शुरू हो गयी है।

आज भगवान मध्यमहेश्वर की चल विग्रह मूर्तियों को वेद ऋचाओं के साथ ओंकारेश्वर मन्दिर के गर्भगृह से सभा मंडप लाया गया, तथा स्थानीय श्रद्धालुओं ने भगवान मध्यमहेश्वर को नए अनाज का भोग अर्पित कर विश्व शान्ति व सुख एवं समृद्धि की कामना की। इस पावन अवसर पर विभिन्न राज्यों के सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भगवान ओंकारेश्वर व भगवान मध्यमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव मूर्तियों का दर्शन कर पुण्य अर्जित किया।

19 मई को भगवान मध्यमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर से रवाना होकर डगवाडी, ब्राह्मण खोली, मंगोलचारी, सलामी, फापज, मनसूना, बुरूवा , राऊलैंक, उनियाणा सहित विभिन्न यात्रा पड़ावों पर भक्तों को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मन्दिर रांसी पहुंचेंगी।

20 मई को भगवान मध्यमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली राकेश्वरी मन्दिर रांसी से प्रस्थान कर अन्तिम रात्रि प्रवास के लिए गौण्डार गाँव पहुंचेंगी व 21 मई को भगवान मध्यमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली गौण्डार गाँव से प्रस्थान कर बनातोली, खटारा, नानौ, मैखम्भा, कूनचटटी यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए मध्यमहेश्वर धाम पहुंचेंगी तथा डोली के धाम पहुंचने पर भगवान मध्यमहेश्वर के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायेगें।

चार धाम यात्रा के साथ ही ओंकारेश्वर मन्दिर में भी प्रतिदिन सैकड़ों तीर्थ यात्री पूजा – अर्चना व जलाभिषेक कर पुण्य अर्जित कर रहे है। जानकारी देते हुए ओकारेश्वर मन्दिर प्रभारी रमेश नेगी ने बताया कि 2 मई से आज तक 7395 तीर्थ यात्री भगवान ओंकारेश्वर के दर्शन कर चुके है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button