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देर से पहुंची एंबुलेंस, तो लगेगा जुर्माना

देहरादून: उत्तराखंड में 108 एंबुलेंस के रिस्पांस टाइम को कम कर दिया है। अगर एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंचती है तो तीन गुना जुर्माना वसूला जाएगा। राज्य सरकार ने इमरजेंसी के दौरान तत्काल एंबुलेंस उपलब्ध कराए जाने को लेकर ये फैसला लिया है।
बात दें कि पर्वतीय क्षेत्रों में 108 इमरजेंसी एंबुलेंस के रिस्पांस टाइम को 35 मिनट से घटाकर 20 मिनट कर दिया गया है। जबकि मैदानी क्षेत्रों में इमरजेंसी एंबुलेंस के रिस्पांस टाइम को 20 मिनट से घटकर 12 मिनट कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक, प्रदेश में 108 इमरजेंसी एंबुलेंस की 272 गाड़ियां संचालित हो रही हैं, जिनका संचालन निजी कंपनी कर रही है।

पहले तय रिस्पांस टाइम में एंबुलेंस नहीं पहुंचने पर एंबुलेंस संचालन कंपनी पर एक हजार का जुर्माने का प्रावधान था। लेकिन अब रिस्पांस टाइम को काम करते हुए जुर्माने को तीन गुना बढ़ा दिया है। यानी अगर रिस्पांस टाइम पर एंबुलेंस नहीं पहुंचती है तो एंबुलेंस संचालन कंपनी को तीन हज़ार रुपए का जुर्माना देना होगा।
इसके साथ ही सरकार ने 108 इमरजेंसी सेवा और सरकारी अस्पतालों में विभागीय एंबुलेंस को भी आउटसोर्स करने का निर्णय लिया है। क्योंकि एंबुलेंस संचालन कंपनी एंबुलेंस खराब होने की दलील देती रही है। लिहाजा अब सरकार एंबुलेंस की व्यवस्था भी आउटसोर्स के जरिए करने का निर्णय लिया है।
उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में किसी मरीज की मृत्यु होने पर सरकारी एंबुलेंस से पार्थिव शरीर को निशुल्क घर तक छोड़ा जाएगा। अभी तक प्रति किलोमीटर 52 रुपए किराया तय है। अब इस व्यवस्था में भी बदलाव किया गया है।
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राज्य में मरीजों की सुविधा के लिए एंबुलेंस सेवा का रिस्पांस टाइम काम किया जा रहा है। इसके लिए मानकों में बदलाव करने का निर्णय लिया गया है। दुर्गम ब्लॉकों में एंबुलेंस की संख्या बढ़ाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
डॉ. धन सिंह रावत, स्वास्थ्य मंत्री

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