उत्तराखंडऊर्जाभ्रष्टाचार

आखिर इसी कर्मचारी पर क्यों मेहरबान हैं अधिकारी 

ऊर्जा निगम का एक और कारनामा, 32 साल से एक ही कर्मचारी को दिया जा रहा टेंडर का काम

देहरादून: ऊर्जा निगम लगातार सवालों में खड़ा रहता है। वहीं अगर कहीं पर कोई कमी रह जाती है तो फिर ऊर्जा निगम के अधिकारी ही कुछ ऐसा कारनामा कर डालते हैं, जो सुर्ख़ियां पकड़ लेता है। ऐसा ही एक ताजा मामला सामने आया है यूपीसीएल के चीफ इंजीनियर, गढ़वाल मंडल कार्यालय के एक आदेश में, जहां पर एक कार्यालय अधीक्षक पीबी नौटियाल प्रथम को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है।

    विभागीय सूत्रों की मानें तो काम भी बड़ी जिम्मेदारी भरा है, नौटियाल को टेंडर संबंधित कार्यों के लिए चीफ इंजीनियर, गढ़वाल जोन के कैंप कार्यालय से अटैच्ड किया गया, जिसके लिए उन्हें अलग से कोई भी भत्ता या अतिरिक्त पारिश्रमिक नहीं दिया जाएगा। वहीं विभागीय सूत्रों का यह भी कहना है की नौटियाल लगातार अपनी नियुक्ति के पहले ही दिन 1992 से आज तक एक ही स्थान एक ही कुर्सी देहरादून पर तैनात है और वहां पर भी उनके उपर टेंडर संबंधित कार्यों की ही बड़ी जिम्मेदारी है। साथ ही बड़ी बात तब हो जाती है जब प्रमोशन होने के बाद भी कुर्सी नही छोड़ी जाती और पदोन्नति के साथ स्थानांतरण होने के एक हफ्ते के भीतर ही यूपीसीएल के सबसे बड़े साहब का पत्र उसी कुर्सी पर वापस तैनाती के आदेश कर देता है, जहां पर साल 1992 से नौटियाल तैनात है। साथ ही कर्मचारी इतना काबिल और कर्मयोगी है कि उनके पास अटेंडेंस रजिस्टर में हस्ताक्षर करने का भी वक्त नहीं है। वहां भी एक महीने में एक साथ एक बार में ही हस्ताक्षर किए जाते है और अधिकारी भी इस बात की जांच नहीं करते की एक महीने तक ड्यूटी रजिस्टर पर हस्ताक्षर नहीं करने वाला अधिकारी कर्मचारी आखिर है कहां ? कोई भी अधिकारी इस मामले में जवाब देने को तैयार नहीं है।

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