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ट्रिपिंग की समस्या और मॉनिटरिंग में होगा सुधार

केंद्र और उत्तराखण्ड सरकार के सहयोग से यूपीसीएल विद्युत वितरण तंत्र को बना रहा आधुनिक 

देहरादून: डिजिटलीकरण के दौर में केंद्र और उत्तराखण्ड सरकार के सहयोग से यूपीसीएल विद्युत वितरण तंत्र को आधुनिक बना रहा है। आरडीएसएस योजना के तहत 215 उपसंस्थानों पर आरटी-डीएएस प्रणाली लगाई जा रही है, जिससे डेटा संकलन और निर्णय प्रक्रिया तेज होगी।

उत्तराखण्ड के 25 हजार से कम आबादी वाले क्षेत्रों में आरटी-डीएएस प्रणाली स्थापित की जा रही है। अब तक 103 उपसंस्थानों, जैसे रानीपोखरी, जौलीग्रांट, और लालतप्पड़ में यह काम पूरा हो चुका है। अन्य क्षेत्रों में कार्य चरणबद्ध तरीके से हो रहा है।आरटी-डीएएस प्रणाली के जरिए उपसंस्थानों की रियल टाइम मॉनिटरिंग संभव होगी। इससे प्लांड और अनप्लांड आउटेजस का विश्लेषण कर एस एआईडीआई/एसएआईएफआई की गणना की जा सकेगी। यह प्रणाली विद्युत बाधा का समय और संख्या कम करने में सहायक होगी। फीडर ट्रिपिंग की स्थिति में आरटी-डीएएस प्रणाली तुरंत एसएमएस से सूचना भेजती है। बार-बार ट्रिपिंग होने पर उच्च अधिकारियों को भी जानकारी दी जाती है। इससे मॉनिटरिंग में सुधार और आपातकालीन स्थितियों में ब्रेकर्स का समय पर अनुरक्षण संभव होता है।

आरटी-डीएएस से उपभोक्ताओं को फीडर आउटेज की सटीक जानकारी उपलब्ध कराई जा सकती है। कॉल सेंटर से इस प्रणाली को जोड़ा गया है, जिससे उपभोक्ता सेवा प्रतिनिधि उपभोक्ताओं की बेहतर सहायता कर सकते हैं। आरटी-डीएएस से एकत्रित डेटा रियल टाइम में नेशनल पावर पोर्टल पर भेजा जाता है। यह प्रणाली बिजली वितरण में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ाने के साथ विद्युत आपूर्ति के प्रबंधन को और कुशल बना रही है।

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