यूपीसीएल को घाटे से उबारने के लिए बनी योजना, कैबिनेट ने दी मंजूरी

देहरादून: उत्तराखण्ड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड की वित्तीय और परिचालन स्थिति में सुधार करने के लिए एक विस्तृत परिवर्तन योजना तैयार की गई है। इस योजना का उद्देश्य वितरण और ट्रांसमिशन नुकसान को कम करना, बिजली खरीद लागत को अनुकूलित करना और पूंजी निवेश के माध्यम से कंपनी के प्रदर्शन को मजबूत करना है। यह परिवर्तन योजना यूपीसीएल की आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करेगी और इसे एक कुशल और लाभकारी संगठन के रूप में स्थापित करेगी।मैकेंजी इंडिया के सुझाव के आधार पर बनी इस योजना को शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दे दी गई।
इस योजना के चार प्रमुख उद्देश्य हैं। सबसे पहले यू.पी.सी.एल. की वित्तीय स्थिति को स्थिर और मजबूत करना है, जो इसके लगभग 5,000 करोड़ रुपए के बकाया को कम करने और पिछले छह वर्षों में हुए लगातार घाटे को समाप्त करने पर केन्द्रित है। दूसरा उद्देश्य वितरण और ट्रांसमिशन नुकसान को कम करना है, जो वर्तमान में हरिद्वार और उधमसिंह नगर जैसे क्षेत्रों में उच्चतर स्तर पर है। इसमें ऊर्जा दक्षता बढ़ाने और बुनियादी ढाँचे के उन्नयन से हानियों में कमी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। तीसरा उपभोक्ताओं को बेहतर बनाना है, ताकि उपभोक्ता, संतोष में वृद्धि और संग्रह दक्षता में सुधार हो सके। अंत में हरित ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को बढ़ावा देना, जिससे लागत प्रभावी और पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा समाधान प्राप्त हो सके। ये सभी उद्देश्य यूपीसीएल को उनके ऊर्जा क्षेत्र का एक विश्वसनीय और कुशल स्तंभ बनाने में सहायक होंगे।