उत्तराखंडसेना

शहीदों के परिवार को अब 50 लाख की सहायता देगी सरकार

-मुख्यमंत्री ने कारगिल विजय दिवस की रजत जयंती पर की घोषणा, देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले वीर सैनिकों को अर्पित की श्रद्धांजलि

देहरादून: मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कारगिल विजय दिवस की रजत जयंती के अवसर पर भारतीय सेना के अदम्य साहस व शौर्य को नमन करते हुए देश के लिये अपने प्राण न्यौछावर करने वाले वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर घोषणा की कि अमर शहीदों के परिजनों को मिलने वाली राशि को 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख किया जाएगा। अब शहीदों के परिजन सरकारी नौकरी के लिए दो वर्ष नहीं बल्कि पांच वर्ष तक आवेदन कर सकेंगे।
कारगिल विजय दिवस की रजत जयंती पर गांधी पार्क में शहीदों को नमन करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड में भी देश के लिये बलिदान देने की परम्परा रही है। कारगिल युद्ध में बड़ी संख्या में उत्तराखण्ड के वीर सपूतों ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुती दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सैनिकों, पूर्व सैनिकों एवं उनके परिजनों के कल्याण के लिये वचनबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की सेना ने अपने शौर्य और पराक्रम से हमेशा देश का मान बढ़ाया है। हमें अपने जवानों की वीरता पर गर्व है। भारतीय सेना के अदम्य साहस व शौर्य का लोहा पूरी दुनिया मानती है। कारगिल युद्ध में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों के बलिदान को राष्ट्र हमेशा याद रखेगा।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि शहीदों के आश्रितों को अभी तक जिलाधिकारी कार्यालय में समूह ग और घ के पद रिक्त होने पर ही नियुक्ति मिलती थी लेकिन अब अन्य विभागों में भी उक्त समूह के पदों पर रिक्तियों में नियुक्ति दी जाएंगी। सैनिक कल्याण विभाग में कार्यरत संविदा कर्मियों को उपनल कर्मियों के समतुल्य अवकाश दिया जाएगा।
पूर्व सीएम और सांसद हरिद्वार त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी कारगिल विजय दिवस की रजत जयंती पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने शहीदों के माता-पिता और वीरांगनों को भी सलाम किया। उन तमाम शहीदों को भी याद किया जिन्होंने देश की संप्रभुता को अक्षुण बनाए रखने के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।

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