उत्तराखंडस्वास्थ्य

उत्तराखंड में बनी पांच और दवा के सैंपल फेल, उठे सवाल

-पिछले चार महीने में उत्तराखंड में बनी 35 दवाओं के सैंपल हुए फेल, केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन ने अलर्ट किया जारी

देहरादून: उत्तराखंड में बनी पांच और दवा के सैंपल फेल हो गए हैं, इससे फार्मा कंपनियों और दवा की गुणवत्ता की जांच करने वाली एजेंसियों पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। दवा मानक नियंत्रण संगठन ने अलर्ट जारी किया है। साथ ही राज्यों के ड्रग्स कंट्रोलर को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उत्तराखंड के ड्रग्स कंट्रोलर ताजबेर सिंह ने जिन फार्मा कंपनियों की दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उस बैच की दवाओं को बाजार से वापस मांगने के निर्देश दिए हैं। ये दवाइयां उत्तराखंड में स्थित कई फार्मा कंपनियों में बनाई गई हैं, जिन फार्मा कंपनियों के दवा के सैंपल फेल हुए हैं, वो फार्मा कंपनियां रुड़की, हरिद्वार और काशीपुर में स्थित हैं। पिछले चार महीने से लगातार हर महीने उत्तराखंड राज्य में निर्मित दवाओं की गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतर रही हैं। दरअसल, मार्च महीने में उत्तराखंड में निर्मित 10 दवाओं के सैंपल फेल हुए थे। इसी तरह अप्रैल महीने में 10 फार्मा कंपनियों की 12 दवाई के सैंपल फेल हुए थे। मई महीने में उत्तराखंड में निर्मित 8 दवाओं के सैंपल फेल हुए थे। वहीं, जून महीने में उत्तराखंड में निर्मित 5 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं. यानी पिछले चार महीने में 35 दवाओं के सैंपल फेल हुए।
उत्तराखंड में निर्मित इन दवाओं के सैंपल हुए फेल
ग्लेनसमिथ लैब्स प्राइवेट लिमिटेड की इसोमेप्राजोल गैस्ट्रो-रेसिस्टेंट टैबलेट्स 40 एमजी का सैंपल फेल हुए हैं। ये मेडिसिन रुड़की स्थित स्काईमैप फार्मास्यूटिकल्स प्राइवेट लिमिटेड में निर्मित की गई है।
रुड़की स्थित फ्रांसिस रेमडीज (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड में निर्मितरैनिटिडिन हाइड्रोक्लोराइड टेबलेट्स 150 एमजी का सैंपल फेल हुआ है।
हरिद्वार स्थित ओमेगा फार्मा की निर्मित ट्रेनेक्सामिक एसिड टेबलेट्स 500 एमजी का सैंपल फेल हुआ है।
काशीपुर स्थित एग्रोन रेमेडीज प्राइवेट लिमिटेड की निर्मित पैंटोप्रजोल गैस्ट्रो-रेसिस्टेंट टैबलेट्स 40 एमजी का सैंपल फेल हुआ है। रुड़की स्थित एप्पल फॉर्मुलेशंस प्राइवेट लिमिटेड की निर्मित एटोरिकॉक्सीब टेबलेट्स 90 एमजी का सैंपल फेल हुआ है।

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